महाशिवरात्रि का पावन पर्व जिसको समस्त हिन्दू समुदाय हर्षोल्लास के साथ मनाता है। यह त्योहार पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और महादेव शादी के पवित्र बंधन में बंधे थे, वहीं कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव, शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे,जिसके उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है।
भक्तजन देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत करते हैं। हमारे देश में इस व्रत का आध्यात्मिक महत्व है जिसके करने से मनुष्य को भगवान शिव की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। इस दिन व्रत के अलावा लोग अपनी सामर्थ्यानुसार विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं लेकिन फिर भी भूलवश हमसे कुछ गलतियां हो जाती हैं तो आइए जानें कि शिवरात्रि के दिन क्या करें और क्या न करें, जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
प्रातःबेला में करें स्नान
इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें हो सके तो नहाने के पानी में काले तिल डालकर नहाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी तरह की अशुद्धियों का विनाश हो जाता है। आप भी इस बार दिन की शुरुआत कुछ इस ढंग से करें।
लिंग अभिषेक
आज के दिन मंदिर जाकर शिवलिंग का अभिषेक (शिवलिंग का 7 अलग धाराओं से करें अभिषेक) अवश्य करें। दूध, दही, शहद से अभिषेक कर महादेव को बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं। धूप-दीप से आरती कर भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने का वर मांगें।
संपूर्ण दिन का व्रत
यदि आप में सामर्थ्य हो तो दिन-रात का व्रत करें क्योंकि यह पर्व एक सुबह से लेकर दूसरे दिन की सुबह तक माना जाता है। दिन में जूस, फल आदि का सेवन करें और सूर्यास्त के बाद किसी प्रकार का भोजन ग्रहण न करें। वैसे तो श्रद्धा भक्ति के कोई नियम नहीं होते, यदि आप में सामर्थ्य है तो व्रत को व्रत के तरीके से करें।
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क्या न करें
- महिलाएं कभी भी शिवलिंग पर सिंदूर न चढ़ाएं इसकी जगह चन्दन का प्रयोग करें।
- शिवलिंग पर कभी भी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं इनको धार्मिक मान्यता के अनुसार वर्जित माना गया है।
- हालांकि हल्दी को पूजा अर्चना और रीति-रिवाज़ों के लिए अनुकूल माना जाता है लेकिन शिवलिंग पर इसको अर्पित न करें।
- शिवलिंग पर शंख से जल न चढ़ाएं।
कहते हैं कि भगवान शिव को सफ़ेद रंग के फूल पसंद होते है इसलिए पूजा में लाल रंग के फूलों का प्रयोग ने करें, लेकिन ध्यान रखें सफ़ेद रंग के फूल में केवड़ा और केतकी के फूल के इस्तेमाल से बचें। शिव जी की पूजा में आप गेंदें के फूल चढ़ा सकते हैं। महा शिवरात्रि के दिन पूजा में काले रंग के कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि काले रंग को पूजा में शुभ नहीं माना जाता है। खंडित बेल पत्र (शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का तरीका) के प्रयोग से बचें। खंडित बेलपत्र चढ़ाने से बेहतर है कि बेल पत्र चढ़ाएं ही नहीं।
भगवान् शिव की कृपा दृष्टि पाने के लिए यहां बताई बातों का ध्यान दें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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