आजाद भारत की नारी आखिर कब करेगी सुरक्षित महसूस? स्वाति मालीवाल ने कही ये बात

Swati Maliwal: एक महिला आखिर कब आजाद महसूस करेगी? इस बारे में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का क्या कहना है जानें। 

 
swati maliwal on women independence
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Swati Maliwal:हमारा देश इस साल आजादी की 77वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, मगर महिलाओं की आजादी का क्या? आज भी घर, परिवार और समाज में ऐसी कई घटनाएं हो रही हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या महिलाएं आजाद हैं? दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने भी इस बारे में बातचीत की। उनका कहना है कि महिलाओं के सामने आज भी बहुत सारी कठिनाइयां हैं।

जन्म से ही शुरू हो जाता है लड़कियों का संघर्ष

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स्वाति मालीवाल ने कहा, "पैदा होते ही एक लड़की का संघर्ष शुरू हो जाता है। मां बात से लेकर सोसाइटी तक, हर कोई उनका ऐसा पालन पोषण करते हैं कि आत्मनिर्भर बनने के बाद भी लड़कियों को कमजोर महसूस होता है।"

महिला सुरक्षा आज भी है एक बड़ा मुद्दा

  • स्वाति मालिवाल ने कहा कि एक महिला आज भी कपड़े पहनते वक्त 10 बार सोचती है। महिलाओं के मन में सुरक्षा से जुड़े तरह-तरह के सवाल आते हैं। सेफ्टी के कंसर्न की वजह से महिलाओं के आगे बढ़ने में परेशानी होती है।
  • उन्होंने कहा, "आदमियों के भी संघर्ष अलग है और महिलाओं के अलग। दिल्ली में रोजाना 6 लड़कियों का रेप होता है। आजादी के इतने सालों बाद भी महिलाओं को इस समस्या का सामना करना शर्मिंदगी की बात है।" (तीन साल में 13 लाख महिलाएं गायब)

महिलाएं क्यों नहीं करती सुरक्षित महसूस?

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स्वाति मालिवाल कहती हैं, "बीते दिनों मणिपुर में जो हुआ, उसपर कुछ एक्शन नहीं लिया गया। राम रहीम को रेपिस्ट होने के बावजूद भी बार-बार रिहा कर दिया जाता है। ऐसे में एक महिला खुद को सुरक्षित कैसे महसूस कर सकती है।"

महिलाओं की संसद में भागीदारी है जरूरी

स्वाति मालीवाल ने कहा, "आजादी के इतने सालों बाद भी संसद में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के मुकाबले बहुत कम है। ऐसे में जरूरी है कि इससे जुड़ा सरकार कोई कानून लेकर आए। दरअसलमहिलाओं की सुरक्षाऔर आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी है कि पॉलिसी बनाते वक्त भी उनसे विचार लिए जाएं।"

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इन सभी बातों के साथ-साथ स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा कि समाज में आज भी बेटे और बेटी के बीच फर्क किया जाता है। इसे जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत है।

आपका महिलाओं की आजादी के बारे में क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि हमारे देश की महिलाएं और बेटीयां सुरक्षित हैं? कमेंट सेक्शन में बताएं।

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Photo Credit: Twitter

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