
बिहार चुनाव 2025 का नतीजा जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे ही जनता की उम्मीदें भी नई दिशा ले रही हैं। खासकर महिलाओं में इस बार चुनाव को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। इस चुनाव को लेकर एक आम वोटर की क्या उम्मीदें हैं इसके बारे में हमने बिहार की कई महिला वोटर्स से बात की। उसी कड़ी में डॉ. नम्रता मिश्रा, एसोसिएट प्रोफ़ेसर, स्कूल ऑफ़ बिज़नेस, गलगोटिया विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, जो कि स्थायी रूप से भागलपुर, बिहार की रहने वाली हैं, उनका मानना है कि बीते कुछ सालों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब वे चाहती हैं कि यह रफ्तार और भी तेज हो और राज्य का हर वर्ग इस विकास की यात्रा में शामिल हो सके। डॉ.नम्रता कहती हैं कि आज बिहार की महिलाएं न केवल शिक्षित और जागरूक हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही हैं। आइए यहां विस्तार से जानें कि एक महिला वोटर होने के नाते उनकी बिहार चुनाव से क्या उम्मीदें हैं।
मुझे उम्मीद है कि इस चुनाव के परिणाम से बिहार में विकास की जो सकारात्मक रफ़्तार शुरू हुई है, वह और तेज और स्थिर रूप में आगे बढ़े। मैं चाहती हूं कि आने वाले पांच सालों में परिवार की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में और सुविधाएं जुड़ें - बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षित माहौल जैसी सुविधाएं मिलें जिससे आने वाली पीढ़ी और ज्यादा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके। हमने पिछले कुछ सालों में बदलाव की दिशा देखी है और अब हम उसी दिशा की मजबूती की अपेक्षा रखते हैं -जिससे बिहार का भविष्य और भी उज्ज्वल बने।

पिछले कुछ सालों में सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। मेरी इच्छा बस इतनी है कि इन प्रयासों को और व्यापक रूप में हर ब्लॉक व पंचायत तक पहुंचाया जाए। विशेषकर - महिला रोजगार और डेवलपमेंट पर और ज्यादा जोर दिया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अपना काम शुरू कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही, महिलाएं अपने परिवार के साथ पूरे समाज की प्रगति में भी योगदान दे सकें। महिलाओं में क्षमता की कमी नहीं है और यदि सरकार का सहयोग इसी सकारात्मक सोच के साथ मिलता रहा - तो आने वाले सालों में महिलाएं बिहार की आर्थिक उन्नति की सबसे मजबूत शक्ति बनेंगी।
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हां, पिछले कुछ समय में सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। सीसीटीवी, रोड सेफ्टी और पुलिस की किसी भी मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया - इन सबने महिलाओं को अधिक सुरक्षित महसूस कराया है। स्वास्थ्य केंद्रों में भी जांच सुविधाएं पहले से बेहतर हो गई हैं और आवश्यक सेवाएं अब ज्यादा आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। मेरी चुनाव से केवल यही अपेक्षा है कि यह जो अच्छा काम शुरू हुआ है, इसे और विस्तृत तथा नियमित किया जाए, जिससे यह सुविधाएं हर ब्लॉक और हर गांव तक समान रूप से पहुंचे।सरकार की दिशा सही है और इसी निरंतरता से बिहार और सशक्त बनेगा।

मेरे अनुसार महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें और अधिक अवसर और प्रोत्साहन दिया जाए। पिछले वर्षों में महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी देखने को मिली है यह बहुत सकारात्मक बदलाव है। यदि राजनीतिक दल महिला कार्यकर्ताओं और युवा छात्राओं को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और नेतृत्व की भूमिका मिलने के अधिक अवसर दें, तो और भी ज़्यादा महिलाएं सक्रिय राजनीति में आगे आएंगी। महिलाएं जब नीति-निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाने लगेंगी, तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन और गति आएगी। सरकार और समाज दोनों यदि इस दिशा में निरंतर सहयोग बनाए रखें - तो महिलाओं की राजनीतिक भूमिका और भी मजबूत हो सकती है।
बिहार चुनाव में मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है - विकास को बढ़ावा देना। पिछले कुछ सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, और महिलाओं के सम्मान–सशक्तिकरण के क्षेत्र में अच्छे बदलाव हुए हैं। अब बिहार को इसी गति को और मजबूत करने की आवश्यकता है। मैं चाहती हूं कि आने वाले पांच सालों में रोजगार के अवसर, स्किल डेवलपमेंट, रोजगार और सुरक्षित जीवन पर्यावरण को और आगे ले जाने वाले हों। क्योंकि विकास की यही निरंतरता हमारे बच्चों के भविष्य को और उज्ज्वल बनाएगी और बिहार को अगले स्तर पर ले जाएगी। साथ ही, इस चुनाव में सबसे जरूरी महिलाओं की सुरक्षा पर जोर देना हो। सच कहूं तो जब बेटियों को रात को घर से अकेले बाहर निकलने में डर नहीं लगेगा तभी बिहार का पूर्ण विकास होगा।
मेरे अनुसार सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जिनके प्रभाव भी राज्य में पूर्णतया दिखाई दे रहे हैं। महिला समूहों को समर्थन, छात्राओं की शिक्षा के लिए योजनाएं और सहायता समूहों को मज़बूती, ये सब सरकार द्वारा उठाए गए बहुत सकारात्मक कदम हैं। मेरी बस यह इच्छा है कि यह जो अच्छा काम शुरू हुआ है, इसे और आगे बढ़ाया जाए और हर स्तर पर इसकी पहुंच और बढ़े। ख़ासतौर पर ब्लॉक व पंचायत स्तर तक इसे बढ़ावा मिलना चाहिए। यदि यह निरंतरता बनी रही, तो बिहार की महिलाएं आने वाले वर्षों में और भी ज्यादा आत्मनिर्भर और सशक्त होकर समाज और अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाएंगी।
एक आम नागरिक की ही तरह बिहार चुनाव से डॉ नम्रता मिश्रा को भी कुछ उम्मीदें हैं और उनका मानना है कि सरकार ने महिलाओं के लिए अभी तक कई बेहतर कदम उठाए हैं और आगे भी उनका पूरा सहयोग महिलाओं के विकास के लिए जरूरी है।
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