श्री राम ही नहीं, समुद्र में रावण के नाम का पत्थर भी गया था तैर

श्री राम के का आदेश एवं उनके आशीर्वाद से वानर सेना ने राम सेतु के निर्माण का कार्य शुरू किया और एक-एक पत्थर पर श्री राम लिखते हुए उन्हें समुद्र में डालने लगे। इन्हीं में से एक पत्थर रावण के नाम का भी था। 

ravan ke naam ka patthar kaise tera

Ramayana Ke Rahasya: रामायण में ऐसी कई घटनाएं मिलती हैं जिनका वर्णन बहुत ही कम लोगों ने सुना या पढ़ा होगा। ऐसी ही एक घटना है श्री रावण के नाम का पत्थर समुद्र में तैरने की। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कैसे रावण के नाम का पत्थर भी समुद्र में तैर गया था जिसकी साक्षी खुद उसकी पत्नी रानी मंदोदरी बनी थीं। आइये जानते हैं यह रोचक कथा।

राम सेतु का शुरू हुआ था निर्माण

जब समुद्र देव से राम जी ने लंका पहुंचने का उपाय माना तब उन्होंने राम नाम लिखकर पत्थर को समुद्र डालने का सुझाव दिया। समुद्र ने श्री राम को बताया कि वानर सेना (रामायण युद्ध के बाद कहां गई वानर सेना) के द्वारा ऐसा करने पर समुद्र में श्री राम के अनाम का पत्थर तैरने लगेगा।

ravan ke naam ke patthar ke tarane ki kahani

श्री राम के आदेश एवं उनके आशीर्वाद से वानर सेना ने राम सेतु के निर्माण का कार्य शुरू किया और एक-एक पत्थर पर श्री राम लिखते हुए उन्हें समुद्र में डालना शुरू किया और वाकई पत्थर तैरने भी लगे और धीर-धीरे सेतु का निर्माण होने लगा।

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रावण ने भी डाला था पत्थर

रावण को जब इस बात का पता चला तो उसे विश्वास नहीं हुआ और वह समुद्र किनारे यह देखने पहुंचा। ऐसा अनोखा चमत्कार सुन मंदोदरी भी रावण के साथ पहुंची। रावण और मंदोदरी (मंदोदरी ने कैसे रचा रावण की मृत्यु का षड्यंत्र) ने देखा कि वाकई राम नाम के पत्थर तैर रहे हैं।

तब रावण ने राम लीला को नकारते हुए इसे पत्थर में कुछ दिव्यता होने की बात कही और अपने नाम पास ही में पड़े पत्थर पर लिखकर समुद्र में फेंका। वह पत्थर डूब गया। रावण ने एक और पत्थर फेंका और वो पत्थर तैर गया।

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मंदोदरी को सच का पता चला

मंदोअरी ने जब यह देखा तो वह हैरान रह गईं और सोचने लगीं कि रावण ने तो कोई ऐसा पुण्य कभी किया ही नहीं जो उसके नाम का पत्थर तैरे तो यह हुआ कैसे। मंदोदरी ने श्री राम का ध्यान करते हुए उन्हें से इसके पीछे का कारण पूछा।

samudra mein ravan ke naam ke patthar ki katha

तब एक दिव्य तेज मंदिदारी के सामने उत्पन्न हुआ और उस तेज में से श्री राम की आवाज आई जो बता रहे थे कि रावण ने उस पत्थर को मन ही मन उनकी सौगंध दी थी। इसलिए रावण के नाम का पत्थर भी राम समुद्र में तैर गया और राम सेतु से जा मिला।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जा सकते हैं कि आखिर कैसे रावण के नाम पत्थर भी राम सेतु बनाने के दौरान तैर गया था। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock, pinterest

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