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ravan fear of grass story in hindi

Ramayan Katha: माता सीता के हाथों में घास का तिनका देख क्यों थर-थर कांपता था रावण

रामायण में ऐसे कई किस्से हैं जो बेहद रहस्मयी हैं। ऐसा ही एक किस्सा है अशोक वाटिका से जुड़ा। जब भी रावण माता सीता से अशोक वाटिका में मिलने जाता था तो माता सीता घास का तिनका हाथ में ले लेती थीं जिसे देख रावण डर जाता था।      
Editorial
Updated:- 2023-06-21, 14:47 IST

Ghaas Ke Tinke Se Kyu Darta Tha Ravan: रामायण में कई ऐसे किस्से हैं जो न सिर्फ रोचक हैं बल्कि रहस्य से भी भरपूर हैं।

ऐसा ही एक किस्सा है रावण, माता सीता और अशोक वाटिका से जुड़ा जिसके बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स ने हमें बताया।

कथा के अनुसार, जब भी रावण माता सीता से मिलने अशोक वाटिका जाता था तो माता सीता अपने हाथ में घास का तिनका ले लेती थीं। 

हैरानी की बात यह है कि रावण उस तिनके को देख इतना डर जाता था कि वह माता सीता के समीप जाने से भी थर-थर कांपने लगता था। 

रावण को मिला था श्राप 

why ravan afraid of grass straw

  • असल में, एक बार रावण ने एक सुंदर तपस्विनी के साथ दुराचार करने का प्रयास किया और वह उस स्त्री को घास से बनी कुटिया में ले गया। 
  • तपस्विनी के सम्मान को भंग करने के बाद जब रावण वहां से जाने लगा तब उस स्त्री ने रावण को भयंकर श्राप दिया जो कुशा से जुड़ा हुआ था।

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  • तपस्विनी ने रावण को यह श्राप दिया था कि जब भी वह किसी स्त्री के उसकी मर्जी के बिना समीप जाएगा या एक घास का तिनका उसकी रक्षा करेगा।
  • जब भी कोई स्त्री आत्मरक्षा के लिए रावण के समक्ष घास का तिनका उठाएगी वह तिनका रावण (कौन थी रावण की बेटी) को उसी समय भस्म कर देगा।
  • इसलिए माता सीता के हाथ में घास का तिनका देख रावण दूरी बना लेता था और डर के मारे माता सीता के समीप नहीं जाता था।

माता सीता की दृष्टि में था क्रोध  

why ravana afraid of grass straw

  • एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार राजा दशरथ और समस्त रघुवंश के लोगों को माता सीता विवाह के बाद पहली बार मिष्ठान खिला रही थीं।  
  • उस दौरान अचानक से एक तिनका राजा दशरथ की थाली में आ गिरा। उस तिनके को माता सीता ने घूर कर देखा तो वह बुरी तरह राख हो गया।

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  • यह चमत्कार राजा दशरथ ने देख लिया और भोजन के बाद माता सीता को अपने कक्ष में बुलाकर उन्हें उनके क्रोध से अवगत कराया। 
  • राजा दशरथ ने माता सीता (माता सीता के भाई) से किसी भी शत्रु को क्रोधी दृष्टि से न देखने का वचन लिया। यही वचन माता सीता ने अशोक वाटिका में निभाया।  
  • राजा दशरथ को दिए वचन के कारण ही माता सीता घास के तिनके को देखती थीं नहीं तो उन्हें पता था कि उनकी दृष्टि से रावण वहीं भस्म हो जाता।

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