हिन्दू धर्म में सुहागिनों के लिए तीज बहुत खास होती है। वहीं सावन में आने वाली तीज हरियाली तीज के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन महिलाएं व्रत और पूजा के साथ-साथ सोल्ह श्रृंगार भी करती हैं। यह श्रृंगार वह अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए करती हैं।
ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीन के दिन अगर महिलाएं हरे रंग की कांच की चूडि़यां पहनती हैं तो इससे उनके पतियों की उम्र लंबी होती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस दिन हरे कांच की चूड़ियां पहनने का क्या महत्व है।
हरी चूड़ियों का महत्व
कुछ रंगों को हिंदुओं बहुत ही शुभ माना जाता है और हरा रंग उन्हीं में से एक है। खासतौर पर सावन में हरे रंग को बहुत महत्व दिया जाता है क्योंकि प्राकृति का यही रंग है। इस रंग को जीवन और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। शादीशुदा औरतें हरे रंग की चूड़ियां अपने पति के लिए खुशियां एवं लंबा और सेहतमंद जीवन प्राप्त करने के लिए पहनती हैं। वैसे इस रंग से दिमाग भी शांत रहता है और घर में कलेश नहीं होता है।
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क्या है हरिया तीज की कथा
सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतिया के दिन हरियाली तीज का त्योहार आता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती की तपस्या से खुश हो कर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को उनक पूर्व जन्म की बातें याद दिलाई थीं और कथा सुनाई थीं। यह कथा इस तरह है-
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