मंदिर को एक ऐसे व्यक्ति ने बनाया था, जिसका केवल एक ही हाथ था। इसलिए, इस मंदिर को हथिया देलाल नाम से जाना जाता है। लेकिन एक ऐसे होनहार कारीगर द्वारा मंदिर बनाने के बाद भी लोगों ने इस मंदिर में पूजा क्यों नहीं की, यह बात को आपको हैरान कर देगी। अभी तक आप ऐसे मंदिरों के बारे में सुनते आए होंगे, जहां दिन रात पूजा करने के लिए लोग लाइनों में लगे रहते हैं। लेकिन भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी है, जहां मंदिर में भोलेनाथ की पूजा करना मना है। अगर आप इन मंदिरों में पूजा करेंगे, तो मंदिर का पुजारी तुरंत आपको रोक देगा। इस मंदिर में यह प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस मंदिर में पूजा करना मना है, फिर भी लोग यहां बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इस शिव मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
शिव मंदिर में कहां स्थित है?
- उत्तराखंड के हथिया देवाल नाम का ऐसा शिव मंदिर है, जहां भक्तों को पूजा करने से मना किया जाता है।
- यह मंदिर पिथौरागढ़ जिले में है, जहां दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
- कई लोग ऐसे भी हैं, जो अधूरी जानकारी के चलते भगवान को जल अर्पित करने के लिए जल ले आते हैं, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ता है।

मंदिर में क्यों नहीं होती पूजा?
मंदिर को लेकर तरह-तरह की कहानियां और किंवदंती है। जिसमें से एक कहानी के अनुसार, एक मूर्तिकार द्वारा इसे बनाया गया था। लेकिन उसने इस मंदिर को अपने केवल एक हाथ से तैयार किया था। दरअसल, किसी हादसे में उसने अपना एक हाथ गंवा दिया था। हादसे के बाद भी उसने हार नहीं मानी और मूर्ति बनाने का फैसला किया। लेकिन गांव के लोग उसका मजाक बनाने लगे थे। गांव वालों द्वारा इस तरह का बर्ताव उसे पसंद नहीं आया और एक दिन उसने गांव छोड़ने का फैसला किया।
वह एक दिन रात में अपना सारे औजार लेकर गांव छोड़कर जाने को तैयार था। लेकिन अगले दिन गांव वालों ने कुछ ऐसा देखा, जिसने सबको हैरान कर दिया। गांव में एक ऐसी जगह थी, जहां लोग शौच के लिए जाते थे। जब वह अगली सुबह वहां गए थे, तो एक बड़ा चट्टान कटा हुआ था। उससे कुछ दूरी पर एक मंदिर भी था। लोगों को लगा कि लगता है उसी मूर्तिकार ने ऐसा किया है। सभी उसे खोजने लगे, लेकिन वह मूर्तिकार किसी को नहीं मिला। लोगों को लगा कि वह गांव छोड़कर चल गया है।
इसे भी पढ़ें:Mysterious Shiva Temples: दक्षिण भारत के इन शिव मंदिरों की रहस्यमयी कहानियां शायद आप भी नहीं जानते होंगे
जब स्थानीय पंडितों ने मंदिर में जाकर भगवान शंकर के लिंग को देखा, तो उन्हें समझ आया है कि रात में जल्दबाजी में शिवलिंग बनाने की वजह से शिवलिंग का अरघा गलत दिशा बना दिया गया है। ऐसे शिवलिंग की पूजा करना शुभ नहीं होता। यही कारण है कि तभी से इस मंदिर में यहां पूजा नहीं होती। यही कारण है कि इसे भारत के अनोखे शिव मंदिर में से भी एक माना जाता है।
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
image credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों