'ऐसा रिजाइन मेल पढ़कर बॉस भी चकरा गए...', 5 कर्मचारियों ने शेयर की टॉक्सिक ऑफिस से जुड़े Secret Confessions  

हमने 5 अलग-अलग लोगों से उनके ऑफिस कल्चर के बारे में कुछ सीक्रेट्स पूछे और उनका जो जवाब आया उसे पढ़कर शायद आप चौंक जाएंगे। ये लोग अपने ऑफिस से बहुत प्रताड़ित थे। 

Secret confessions of office work place

सर्द सुबह की उनींदे माहौल में सुहाने सपनों के बीच जब अलार्म बजता है, तो कैसा महसूस होता है यह आपको पता ही होगा। सुबह उठकर ऑफिस जाने का मोटिवेशन मन में लाना आसान नहीं है, लेकिन लोगों को ये मोटिवेशन आसानी से नहीं आता है। ऐसे में अगर ऑफिस प्लेस टॉक्सिक हो तब तो आपके लिए और भी ज्यादा दिक्कत हो जाती होगी। आजकल सोशल मीडिया पर टॉक्सिक वर्कप्लेस से जुड़े कई मीम्स देखने को मिलते हैं, लेकिन क्या वाकई लोग अपने काम की जगह में इतने परेशान होते हैं?

हमने अलग-अलग शहरों में, अलग-अलग प्रोफेशन के लोगों से बात करने की कोशिश की। कई लोग अपने ऑफिस में खुश थे, लेकिन कुछ ने अपने प्रोफेशन और वर्क कल्चर से जुड़ी ऐसी समस्याएं बताईं जिन्हें जानकर शायद आप भी चौंक जाएंगे।

1. ऐसा रिजाइन मेल पढ़कर बॉस भी चकरा गए...

नाम- सुरभि

जगह- भोपाल

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भोपाल में रहने वाली सुरभि एचआर मैनेजर हैं। वह एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करती हैं और इसलिए उनका सामना कई अलग-अलग तरह के लोगों से होता है। लेबर क्लास के साथ-साथ मैनेजर क्लास भी उनकी फैक्ट्री में है। उन्होंने बताया, "एक तरफ जहां लोग कॉर्पोरेट कल्चर की बात करते हैं और समझते हैं कि एचआर का काम सिर्फ रंगोली बनाना है, उन्हें हमसे बात करनी चाहिए। किसी ईवेंट या फैक्ट्री रिव्यू के वक्त तो हमें 18-20 घंटे भी फैक्ट्री में ही बिताने होते हैं। ऐसे समय में कई बार हमें मास रेजिग्नेशन झेलना पड़ता है। लोग बिल्कुल सोचे बिना ही रिजाइन कर देते हैं। इसलिए हमारी पॉलिसी है कि 15 दिन कॉन्ट्रैक्ट वालों को और 1.5 महीने परमानेंट कर्मचारियों के लिए। "

"हमारे पास एक ऐसा रेजिग्नेशन आया जिसे देखकर मैं तो क्या मेरे बॉस भी चकरा गए। लगातार फैक्ट्री में ऑडिट चल रहे थे और लोगों को एक्स्ट्रा काम करना पड़ रहा था। ऐसे में एक कर्मचारी ने सुबह 6 बजे मेल पर लिखा- 'इस कंपनी का बॉस तमराज किलविश है जिसे सिर्फ लोगों की जिंदगी में अंधेरा चाहिए। मैं अगर यहां रहा, तो शक्तिमान से गंगाधर बन जाऊंगा। मेरी शक्तियों का यहां गलत इस्तेमाल हो रहा है और इसलिए अब यहां काम नहीं करूंगा। मैं बिना नोटिस पीरियड के जा रहा हूं, जो करना है कर लो। आप लीगल नोटिस भेजो और मैं मेंटल हैरेसमेंट का केस कर दूंगा।', इस मेल को देखकर सभी सक्ते में आ गए और उसके बाद से कंपनी की पॉलिसी में कुछ जरूरी बदलाव का प्रस्ताव रखा गया।"

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2. आउट ऑफ द बॉक्स क्रिएटिविटी कहां से लाऊं

नाम- रेखा

जगह- मुंबई

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एडवर्टाइजमेंट इंडस्ट्री में काम करने वाली रेखा कहती हैं कि उनके बॉस काफी सेक्सिस्ट थे और उनके हर काम में मीन मेख निकालना उनकी आदत थी। रेखा के अनुसार, "मेरे बॉस की एक आदत थी कि उन्हें हमेशा मेरी बातों को काटने की आदत थी। इतना सेक्सिस्ट बंदा मैंने कहीं नहीं देखा जिसने मुझे एक टीम डिनर पर सिर्फ इसलिए इन्वाइट नहीं किया कि वहां से मुझे घर छोड़ने कौन जाएगा। मेरे काम करने के तीन साल बाद भी मुझे प्रमोशन के लिए कंसीडर नहीं किया।"

"हर प्रोजेक्ट पर इस्तेमाल मेरे लिखे हुए क्रिएटिव और जिंगल्स ही होते थे, लेकिन फिर भी मेरे बॉस को आउट ऑफ द बॉक्स क्रिएटिविटी चाहिए थी। मेरे असाइनमेंट सब्मिट करते ही कहता था कि इसमें आउट ऑफ द बॉक्स कुछ भी नहीं है। यह तो हमारा ऑफिस बॉय भी कर लेता। इसे लेकर मैं बहुत निराश हो जाती थी और आखिर में मैंने उस वर्कप्लेस को छोड़ ही दिया।"

3. मुझे जीन्स और कट स्लीव्स टॉप पहनने के लिए नोटिस मिल गया

नाम- गीतांजलि

जगह- इंदौर

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गीतांजलि पेशे से एक टीचर हैं और उन्हें अपने काम से बेहद खुशी मिलती है, लेकिन वह पर्सनल लाइफ में क्या करती हैं उससे उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर असर पड़ गया। गीतांजलि कहती हैं, "मेरी शादी के बाद हनीमून पर हम सिंगापुर गए थे। वहां से वापस आकर मैंने उस खुशनुमा वक्त की कुछ तस्वीरें पोस्ट की। मैंने कॉलेज में कभी जीन्स या स्लीवलेस कुर्ता कुछ भी नहीं पहना, लेकिन एक दिन मेरे बॉस ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया। मुझे कहा गया कि मेरे कपड़ों से बच्चों की मानसिकता पर बुरा असर पड़ता है।"

"मेरे सोशल मीडिया के स्क्रीनशॉट्स प्रिंटआउट की तरह उनकी टेबल पर थे। मेरे सारे अकाउंट्स प्राइवेट हैं और मुझे यह भी नहीं पता कि उनके पास ये कहां से पहुंचे। मुझे उस वक्त अपनी प्राइवेसी की भी चिंता हुई कि भला कोई कैसे इस तरह से सोशल मीडिया के प्रिंट आउट्स निकाल सकता है। मुझे 1 महीने का नोटिस मिल गया और कहा गया कि अगर इस समय में मैंने अपना व्यवहार नहीं सुधारा, तो मुझे निकाल देंगे। अब आप समझ ही गए होंगे कि मैंने इसके बाद खुद ही रिजाइन कर दिया। हालांकि, मैंने इसके खिलाफ सीनियर मैनेजमेंट से शिकायत भी की, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।"

4. ऑफिस की कोमोलिका से सभी परेशान थे...

नाम- सुधा (बदला हुआ नाम)

जगह- दिल्ली

सुधा एक जर्नलिस्ट हैं जो दिल्ली में ही एक मीडिया कंपनी में काम करती हैं। सुधा का कहना है, "ऑफिस में एक ऐसी कलीग है जिसे कोमोलिका कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। उसकी टॉक्सिक बातें सभी को सिर्फ भड़काने का काम करती हैं। अप्रेजल के बाद कम से कम दो महीने तक वह उसका गाना गाती है। हर किसी से पर्सनल मैसेज में सैलरी पूछना और फिर अपने बारे में बात करना उसकी आदत है। वह जानबूझकर इस तरह का माहौल बना देती है जैसे उससे ज्यादा बेचारा और कर्मठ कर्मचारी तो कोई है ही नहीं। इतना ही नहीं, उसकी आदत है कि वह अपने काम को छोड़कर दूसरों के काम में मीन-मेख निकालेगी और अगर कोई पर्सनल बात कर रहा है, तो उसके कान और आंखें पूरी तरह से दूसरों की बातें सुनने में लग जाती हैं।"

"बॉस के सामने वह हमेशा इस तरह से बिहेव करती है जैसे उसे ही प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर कोई गलती से भी उससे आगे निकल जाए, तो अगले ही दिन आपको उसकी बुराई सुनने को मिल जाएगी। इस तरह के कर्मचारी हर ऑफिस में होते हैं, लेकिन उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता।"

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5. ऑफिस में सिगरेट तक तो ठीक था, लेकिन लोग गांजा ही ले आए

नाम- आलोक (बदला हुआ नाम)

जगह- दिल्ली

मीडिया इंडस्ट्री में आलोक लगभग 10 सालों से काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऑफिस कल्चर के बारे में बताया जहां दिन की शुरुआत गालियों से होती है। उनके एडिटर बिना एब्यूज किए किसी से बात ही नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं, उनका एक तय गैंग है जिसे सात खून माफ। आलोक कहते हैं, "हमारे यहां अलग से स्मोकिंग एरिया बना है और एडिटर और उनका गैंग हमेशा वहीं दिखता है, लेकिन एक बाद हद ही हो गई। मैंने वहां किसी को सिगरेट रोल करते हुए देखा। स्मोकिंग तक तो ठीक था, लेकिन गांजा लेना और भी बड़ी बात थी।"

"मैंने चुपके से इसके बारे में एचआर को शिकायत कर दी, लेकिन मजे की बात यह कि उस शिकायत का क्या हुआ मुझे नहीं पता। मैं तब से ही नई नौकरी की तलाश में हूं और अब धीरे-धीरे अपना काम निपटाने की कोशिश कर रहा हूं।"

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अगर आप भी अपना कोई सीक्रेट कन्फेशन भेजना चाहती हैं, तो shruti.dixit@jagrannewmedia.com पर भेज सकती हैं। मेल के सब्जेक्ट में "Secret Confessions" जरूर लिखें।

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Image Credit: Shutterstock/Freepik

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