शास्त्रों में न जाने ऐसी कितनी बातें बताई गई हैं जिन्हें हम रोज की जिंदगी में अपनाते हैं। कुछ ऐसी बातें हैं जिनका हमारे वास्तविक जीवन से कुछ न कुछ संबंध जरूर होता है। शाम के समय सोना अशुभ होता है से लेकर रात में नाखून काटने की मनाही तक, गुरुवार को बाल नहीं धोने चाहिए से लेकर रात के समय बाल न काटने जैसी न जाने कितनी बातें हमारे शास्त्रों में बताई गई हैं जिनका हमारे जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव जरूर होता है।
ऐसे ही भोजन से संबंधित कुछ नियमों के बारे में भी हमारे शास्त्रों में जिक्र किया गया है जिसे ध्यान में रखकर किया गया भोजन शरीर के लिए लाभदायक होने के साथ हमारे मन मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है। आइए Life Coach और Astrologer Sheetal Shapaira से जानें शास्त्रों के अनुसार भोजन करने के 5 प्रमुख नियमों के बारे में।
भोजन से पहले भोजन मंत्र
शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भोजन शुरू करने से पहले हमें भोजन मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इस मंत्र के उच्चारण के पश्चात शुरू किया गया भोजन मन मस्तिष्क के साथ सेहत के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस तरह के भोजन से नए संस्कारों का विकास होता है और भोजन में आने वाले किसी भी नकारात्मक तत्व का शरीर में कोई बुरा असर नहीं होता है। भोजन मंत्र ईश्वर से अपनी गलती की क्षमा प्रार्थना का भी एक माध्यम माना जाता है क्योंकि ईश्वर की कृपा से हो भोजन प्राप्त हुआ है। इसलिए जब भी भोजन करें भोजन मंत्र का उच्चारण अवश्य करें।
इसे जरूर पढ़ें:Expert Tips: भोजन से पहले भोजन मंत्र क्यों जरूरी है? क्या कहता है शास्त्र?
जमीन पर बैठकर भोजन करना
शास्त्रों के अनुसार भोजन के एक और नियम में भोजन करने की जगह भी है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो इसका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव होता है। जब हमारा शरीर सीधे ही पृथ्वी के संपर्क में आता है तब पृथ्वी की तरंगें पैरों की उंगलियों से होकर पूरे शरीर में फ़ैल जाती हैं। ये तरंगें आपके भोजन के साथ शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसलिए शास्त्रों में भोजन की सबसे अच्छी जगह जमीन पर बैठना ही माना गया है।
थाली में तीन रोटियां न रखना
शास्त्रों में एक और बात बताई गयी है कि कभी भी भोजन की थाली में आपको तीन रोटियां एक साथ नहीं रखनी चाहिए। दरअसल ज्योतिष के अनुसार तीन को अशुभ अंक माना जाता है। इसलिए भोजन के समय 3 रोटियों को एक साथ न परोसने की सलाह दी जाती है क्योंकि भोजन एक शुभ काम माना जाता है जिसका सीधा संबंध हमारे शरीर से होता है। इसलिए भोजन के नियमों में तीन रोटियों को एक साथ न रखने की सलाह दी जाती है।
जूठा भोजन थाली में न छोड़ें
शास्त्रों के अनुसार कभी भी जूठा भोजन थाली में नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से भी माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। शास्त्रों में साफ़ तौर पर बताया गया है कि हमेशा थाली में उतना ही भोजन लें जो आप आसानी से ख़त्म कर सकें। क्योंकि बचे हुए भोजन को कूड़े में फेंकना माता अन्नपूर्णा का भी अपमान करने के समान है।
इसे जरूर पढ़ें:शाम के समय लेटने या सोने से रूठ सकती हैं माता लक्ष्मी, जानें क्या कहता है शास्त्र
Recommended Video
भोजन की थाली में हाथ न धोना
शास्त्रों के अनुसार भोजन के एक और नियम के अनुसार ऐसी मान्यता है कि कभी भी भोजन की थाली में हाथ खाना खाने के बाद हाथ नहीं धोना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और अन्नपूर्णा माता का अपमान होता है और धन हानि होती है।
यदि आप शास्त्रों में बताए इन नियमों का पालन करते हैं तो इसका सकारात्मक प्रभाव होता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit:free pik
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।