शास्त्रों में ऐसी कई बातें लिखी हैं जिनके बारे में हम बार -बार सोचते हैं कि इसके पीछे के कारण क्या हो सकते हैं? कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में पूरी जानकारी लिए बिना ही उन्हें मानते हुए सालों बीत जाते हैं। लेकिन आपमें से न जाने कितने लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आता होगा कि शास्त्रों में लिखी बातों का मतलब क्या है और जीवन से संबंध क्या है?
बिल्ली के रास्ता काटने से अपशकुन का संकेत हो या खाते समय बाल का निकलना, रात में नाखून काटने की मनाही हो या फिर भोजन से पहले भोजन मंत्र का उच्चारण करने की बात हो। ऐसी न जाने कितनी बाते हैं जिनका हमारे शास्त्रों में जिक्र है और हम उन्हें सही भी मानते हैं।
ऐसी ही एक बात है खाने की थाली में एक साथ 3 रोटियां रखना अशुभ क्यों माना जाता है? जी हां, घर के बड़े बुजुर्गों से आपने कई बार ये बात सुनी होगी कि थाली में एक साथ 3 रोटी न रखें। लेकिन हमने इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी लेने के लिए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ.आरती दहिया जी से बात की, उन्होंने हमें इसके पीछे के सही कारणों के बारे में बताया जो आपको भी जानना चाहिए।
शास्त्रों में है इस बात का जिक्र
हमारे शास्त्र में कई ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन आज भी कई लोग करते आ रहे हैं। उसी में से एक है थाली में तीन रोटियां एक साथ न परोसने का नियम। वास्तव में ये एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। थाली में एक साथ तीन रोटियां परोसना अशुभ माना जाता है। इस परंपरा को हर कोई निभाता तो है लेकिन इसके पीछे क्या कारण है इनकी जानकारी किसी को नहीं है। दरअसल वास्तव में ज्योतिष की मानें तो 3 रोटियां परोसना अशुभ होता है और इससे खाना खाने वाले व्यक्ति के मन मस्तिष्क के साथ उसकी सेहत पर भी असर हो सकता है। इसलिए शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि यदि तीन रोटी किसी को देने की जरुरत है भी तो उसे दो रोटियां पहले परोसें और एक बाद में। इसके अलावा आप तीसरी रोटी को दो हिस्सों में बांटकर थाली में रख सकती हैं। इससे रोटी की गिनती बढ़ जाएगी।
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तीन नंबर को अशुभ माना जाता है
हिन्दू धर्म में अंक तीन को अशुभ माना जाता है। अंक 3 के अशुभ होने की वजह से इसे हर शुभ काम से दूर रखने की कोशिश की जाती है। किसी भी कार्य में तीन के अंक में वस्तु को शामिल नहीं किया जाता है। यहां तक कि कोई भी शुभ कार्य भी तीन तारीख को शुरू नहीं किया जाता है। इसलिए भोजन (जमीन पर बैठकर खाना क्यों फायदेमंद है) की थाली में एक साथ तीन रोटियां रखना भी अशुभ माना जाता है। यह प्रचलन प्राचीन समय से ही चला आ रहा है जिसको लोग बिना कारण जाने ही मानते चले आ रहे हैं। हालांकि इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन ज्योतिष में इसका जिक्र है।
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मृत व्यक्ति से तीन रोटियों का संबंध
भारतीय संस्कृति में तीन रोटियां मृत व्यक्ति का भोजन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तीन रोटियां किसी मृत व्यक्ति के नाम से जो भोजन की थाली लगाई जाती है उसमें ही परोसी जाती हैं। इसी वजह से मुख्य रूप से जब पितृ पक्ष में मृत पूर्वजों की थाली परोसी जाती है तो इसमें तीन रोटियां ही रखी जाती हैं। शास्त्रों में यह बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति को एक साथ तीन रोटियां देना किसी मृत व्यक्ति को भोजन की थाली देने के बराबर है। यही कारण है कि खाने की थाली में एक साथ तीन रोटियां नहीं रखी जाती हैं।
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इस प्रकार अगर विज्ञान की मानें तो इसका कोई भौतिक आधार नहीं है कि थाली में 3 रोटियां एक साथ नहीं परोसनी चाहिए। लेकिन जब ज्योतिष शास्त्र की बात आती है तो इसे वास्तव में अपशगुन माना जाता है।
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