What To Do With Kalash

Kalash Visarjan Rules: शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन के बाद कलश का क्या करें? पंडित जी से जानें सही नियम 

नवरात्रि की शुरुआत शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना के साथ होती है वहीं आखिरी दिन कन्या पूजन के बाद इस कलश का विसर्जन करने का नियम है। बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि पूजा के बाद इस पवित्र कलश का क्या करना चाहिए। धर्मशास्त्रों की मानें तो  कलश का विसर्जन बड़े आदर और नियमों के साथ करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कलश का विसर्जन करने सा शुभ दिन और नियम क्या हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-09-30, 15:12 IST

हिंदू धर्म का विशेष त्योहार शारदीय नवरात्रि अब समाप्त होने वाला है। ऐसे में कही बार हमारे मन में यह सवाल आता है कि नवरात्रि के कलश का विसर्जन करने का सही तरीका क्या है। नवरात्रि की शुरुआत में ही माता दुर्गा के आगे कलश रखकर इसकी नौ दिनों तक विधि-विधान पूजा की जाती है और नवरात्रि के समापन पर इसका विसर्जन किया जाता है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि इस कलश का विसर्जन करने का सही समय क्या होता है और किसी विधि के साथ विसर्जन करना चाहिए। इस सवाल का उत्तर जानने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से बात की। आइए उनसे जानें इसके बारे में विस्तार से। 

कन्या पूजन के बाद कलश का क्या करें?

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नवरात्रि के दौरान अगर घट स्थापना न की जाए तो नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि का समापन कन्या पूजन के साथ होता है। इसके बाद, कलश को चौकी से हटा दिया जाता है। इसके लिए सबसे पहले आपको कलश के ऊपर रखे नारियल की चुनरी को अलग करके उसे किसी पवित्र नदी या तालाब  में प्रवाहित कर देना है। ऐसा आपको दशमी वाले दिन करना होता है। इसके साथ-साथ उसी दिन कलश और उसके अंदर के पानी को भी विसर्जन कर देना चाहिए। हालांकि, उससे पहले कलश के पानी का पूरे घर में छिड़काव कर दें। इससे नकारात्मकता दूर होती है। कलश के ऊपर रखे नारियल को अपने घर के किसी पुरुष से छिलवाकर और उसका प्रसाद कन्याओं में बाटें। हालांकि, कुछ लोग अपने घर की तिजोरी में भी नारियल को प्रसाद के रूप में रख लेते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां की विशेष कृपा बरसती है।

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नवरात्रि में कलश का विसर्जन कब करना चाहिए?

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नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद ही कलश और पूजा की अन्य सामग्रियों को स्थान से हटाकर उनका विसर्जन करना चाहिए। इन्हें हटाने के बाद इनका विसर्जन सही विधि से करना जरूरी होता है। इस बात का खास ख्याल रखें कि कलश विसर्जन हमेशा कन्या पूजन के बाद ही करना चाहिए।

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कलश विसर्जन की सही विधि क्या है?

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नवमी तिथि को कन्या पूजन के बाद ही आप कलश का विसर्जन कर सकते हैं। इसकी अपनी पूरी विधि बताई गई है। सबसे पहले सारी पूजन सामग्री को एक साफ कपड़े या थैले में बांधे लें। इसके बाद कलश के ऊपर रखे नारियल और चुनरी को अलग-अलग कर लें। फिर, दशमी के दिन कलश को किसी भी पवित्र जगह पर बहते जल में प्रवाहित कर दें। 

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Image credit- Herzindagi

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