सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। इसी कारण से भगवान शिव को ये महीना अति प्रिय है। कहा जाता है कि सावन के महीने में शिव जी अपने भक्तों पर अधिक प्रसन्न होते है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई जगहों पर शिवभक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं, यज्ञ एवं अनुष्ठान करते हैं। अगर आप भी किसी विषम परिस्थिति से जूझ रहे हैं तो सावन के इस महीने में रुद्राभिषेक कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ति करते हैं।
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। ज्योतिष के अनुसार श्रावण मास या शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाए तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना होता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें सावन में रुद्राभिषेक करने के महत्व और इसकी सही विधि के बारे में।
ऐसी मान्यता है कि जीवन में यदि कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक करके देखें। ऐसा करने से निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के सोमवार को यदि रुद्राभिषेक करेंगे तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव महसूस करेंगे। ऐसा माना जाता है कि रुद्राभिषेक से प्रसन्न होकर महादेव कोई भी इच्छा पूरी कर देते हैं। सावन के दिनों में आप किसी भी दिन शिव जी का रुद्राभिषेक कर सकते हैं। रुद्राभिषेक से आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होगी और रुद्राभिषेक को शिव जी को प्रसन्न करने का रामबाण उपाय माना जाता है।
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आरती दहिया जी बताती हैं कि शिवलिंग के अभाव में अंगूठे को भी शिवलिंग मानकर उसका अभिषेक और पूजा की जा सकती है। ऐसी मान्यता है कि घी की धारा से अभिषेक से वंश का विस्तार होता है। गन्ने के रस से अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति विद्वान हो जाता है। शहद से किया गया अभिषेक पुरानी बीमारियों को नष्ट करने में मदद करता है। यदि आप गाय के दूध से रुद्राभिषेक करते हैं तो आरोग्य की प्राप्ति होती है। शक्कर मिश्रित जल से किया गया अभिषेक से संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण करता है। भी दही से अभिषेक करना विशेष लाभकारी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अगर शिवलिंग का दही से अभिषेक किया जाए तो जातक के कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं।
ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना काफी उत्तम होता है। लेकिन यदि आप अपने घर पर भी शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं तो यह अति उत्तम माना जाता है। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ जुड़ी रहें।
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