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18 या 19 नवंबर कब मनाई जाएगी Margashirsha Masik Shivratri, यहां जानें सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Margashirsha Masik Shivratri Kab Hai 2025: हिंदू धर्म में किसी भी महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दौरान भगवान शिव का पूजन बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप भी ये जानना चाहती हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने की मासिक शिवरात्रि कब पड़ेगी तो यहां लें पूरी जानकारी।
Editorial
Updated:- 2025-11-16, 16:23 IST

किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा होती है। मान्यता है कि शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करना सबसे शुभ होता है। किसी भी माह की शिवरात्रि की ही तरह मार्गशीर्ष महीने की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है और इस दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। यही नहीं शिवरात्रि की पूजा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि बनी रहती है। मान्यता है कि यदि आप मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करती हैं तो मनोकामनाओं को पूर्ति होती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि मार्गशीर्ष महीने में कब पड़ेगी मासिक शिवरात्रि और किस मुहूर्त में भगवान शिव का पूजन करना फलदायी होता है।

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025 कब है? (Margashirsha Masik Shivratri Kab Hai)

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने में मासिक शिवरात्रि कृष्ण चतुर्दशी को पड़ेगी। यह तिथि इस साल 18 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ-18 नवंबर 2025, मंगलवार, प्रातः 07:12 बजे
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समापन- 19 नवंबर 2025 , बुधवार, प्रातः 09:43 बजे
चूंकि शिवरात्रि पर निशिता काल का विशेष महत्व होता है और यह शुभ समय 18 नवंबर को ही मिल रहा है, इसलिए मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर को ही मनाना शुभ होगा।

masik shivratri puja

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat 2025)

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि निशिता काल मुहूर्त 18 नवंबर रात्रि 11:40 बजे से रात 12:33 बजे तक रहेगा
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 18 नवंबर, रात्रि 12:07 बजे से रात्रि 1:47 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त 18 नवंबर, दोपहर 11:45 से दोपहर 12:28 तक
इस दिन यदि कोई व्यक्ति रात में पूजा न कर सके तो दिन के किसी भी समय भगवान शिव की आराधना कर सकता है। इस दिन किसी भी समय भगवान शिव की पूजा करने से आपको पूरे साल की पूजा के बराबर फल मिलता है। पीएम तक रहेगा। इन पवित्र मुहूर्तों में की गई पूजा से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

significance of masik shivratri

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि महत्व

ज्योतिष के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत नियम पूर्वक रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन करने से दुखों का नाश होता है और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही नहीं इस व्रत का पालन करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस व्रत को करने से विवाह में आने वाली बाधाएं और करियर में आने वाली सभी रुकावटें दूर हो सकती हैं। इस दिन जो भक्त जो भक्त सच्चे भाव से शिव-पार्वती की आराधना करते हैं, उन्हें उनके जीवन में स्थिरता, सौभाग्य और मानसिक शांति आती है। मार्गशीर्ष शिवरात्रि का व्रत आत्मिक उन्नति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।

यदि आप भी सही तिथि और नियम से मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि का व्रत करेंगी तो जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिल सकती है।
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