
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में कटौती से आम लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद रहती है। जो लोग EMI पर घर, गाड़ी या कोई दूसरा लोन चुका रहे होते हैं, उनके ऊपर इसका सीधा असर पड़ता है। EMI चुकाने वाले लोगों के लिए रेपो रेट में कटौती इसलिए फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि इससे लोन की ब्याज दरें कम होने की संभावना बढ़ जाती है। ध्यान रखें कि रेपो रेट कटौती का फायदा सभी को एक साथ नहीं मिलता, यह किस तरह से काम करता है और इसका कितना फायदा हो सकता है। इसके बारे में हम एक्सपर्ट अमित मैमगेन, डायरेक्टर, युजेन इंफ्रा से विस्तार से जानेंगे।
रेपो रेट का अर्थ, बैंक के ब्याज दर में कटौती है। इसका अर्थ है कि RBI उन ब्याज दर को घटा दे, जिस पर बैंक उससे पैसा उधार लेते हैं, तो बैंकों को सस्ता पैसा मिलता है। जब बैंक को पैसे कम ब्याज में मिलेंगे, तो वह ग्राहकों को लोन भी कम ब्याज देते हैं। उनकी EMI कम होती है या फिर कुल ब्याज का बोझ घटता है। होम लोन लेने वालों को इसका फायदा होता है।
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हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हर होम लोन एक जैसे नियमों पर काम नहीं करते। कुछ लोन EBLR (एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट) या RLLR (रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट) से जुड़े होते हैं, जिनमें ब्याज दर जल्दी बदल जाती है। वहीं MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) आधारित लोन में ब्याज दर एक तय समय (रीसेट डेट) पर ही बदलती है। अगर किसी ग्राहक की रीसेट डेट अभी दूर है, तो उसे EMI में राहत मिलने में समय लग सकता है। इसलिए रेपो रेट कटने के बावजूद EMI तुरंत कम होना जरूरी नहीं होता।
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रेपो रेट में कटौती होगी, तो इसका फायदा केवल होम लोन वाले ग्राहकों को नहीं होता। इससे पर्सनल लोन, कार लोन, बिजनेस लोन जैसे सभी फ्लोटिंग रेट सस्ते होने की उम्मीद होती है। इसके कम होने पर धीरे-धीरे बैंक FD और सेविंग अकाउंट की ब्याज दरें भी घटा सकते हैं।

नए होम लोन लेने वालों को इसका फायदा सबसे ज्यादा हो सकता है। इसका कारण यह है कि बैंकों की नई दरें तुरंत लागू हो जाती हैं। इसके अलावा, जिन लोगों के लोन EBLR या RLLR से जुड़े होते हैं, उन्हें इसका फायदा मिल सकता है। हालांकि, MCLR या फिक्स्ड रेट लोन वालों को इसका फायदा देर से मिलता है। इसके साथ ही, अगर मिलता भी है, तो बहुत सीमित रेट में मिलता है। यह आपके लोन के अमाउंट और प्रकार भी निर्भर करता है।

अगर रेपो रेट कम हो जाए, लेकिन फिर भी आपके लोन में कोई बदलाव नहीं हुआ है, तो आपको चेक करना चाहिए कि कहीं आपका लोन MCLR से जुड़ा हुआ तो नहीं है। अगर यह MCLR आधारित है, तो आप EBLR में स्विच करने के बारे में बैंक से बात कर सकते हैं। हालांकि, बदलने के लिए भी आपको चार्ज देना पड़ता है।
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