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Rakats are there in Ramadan Taraweeh

Ramadan 2024: पांच वक्त पढ़ी जाने वाली नमाज से कितनी अलग होती है तरावीह की नमाज? जानें क्या है अदा करने का सही तरीका

इस्लाम में, फर्ज या वाजिब नमाज़ वो नमाज होती हैं, जिन्हें पढ़ना मुसलमान पर फर्ज होता है। तरावीह की नमाज सुन्नत है।
Editorial
Updated:- 2024-03-14, 18:14 IST

रमजान के महीने में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज पांच वक्त की नमाज से अलग होती है। तरावीह की नमाज रमजान के महीने में ईशा की नमाज के बाद अदा की जाती है। यह नमाज सुन्नत-मुअक्किदा की नमाज होती है, यानी इसे पढ़ना बहुत ही सवाब का काम है और न पढ़ने पर कोई गुनाह भी नहीं है। 

क्या है तरावीह की नमाज (What is Taraweeh prayer)

इस्लाम में देवबंद, अहल-ए-हदीस, शिया, वहाबी, बरेलवी और सुन्नी जमात यकिदा में तरावीह की नमाज 8 और 20 रकात की पढ़ी जाती है। हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है। वहीं, हर बार 4 रकात के बाद तरावीह की दुआ पढ़ी जाती है। इस दुआ में सभी नमाजी अपने चाहने वालों की सलामती की दुआ करते हैं। हर रकअत की शुरुआत सूरह अल-फातिहा से शुरू की जाती है, जिसके बाद कुरान के अलग-अलग सूरह पढ़ी जाती है।

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तरावीह एक अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है आराम और तेहेरना। आपको बता दें कि तरावीह पढ़ना सुन्नत है न कि फर्ज। इस्लाम में, फर्ज या वाजिब नमाज़ वो नमाज होती हैं, जिन्हें पढ़ना मुसलमान पर फर्ज होता है। इन्हें न पढ़ना गुनाह माना जाता है। 

Taraweeh every night during Ramadan

वहीं, सुन्नत का मतलब आपकी अपनी मर्जी पर निर्भर करता है,  जिन्हें न करने पर कोई गुनाह नहीं होता और करने पर बहुत सवाब मिलता है। सुन्नत का मतलब पैगंबर मुहम्मद के बताए नक्शे कदम पर चलना होता है। रमजान के महीने में पढ़ी जाने वाली तरावीह की 8 और 20 रकात नमाज सुन्नत होती है। तरावीह में कुरान का सुनना भी सुन्नत है। माना जाता है कि तरावीह की नमाज पढ़ने से अल्लाह की रहमत और बरकत बनी रहती है।

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तरावीह की नमाज पांच वक्त की नमाज से कई मायनों में अलग है

  1. पांच वक्त की नमाज में पांच रकात होती हैं- फज्र, जोहर, असर, मगरिब और इशा। 
  2. तरावीह नमाज में आम तौर पर 8 रकात होती हैं, लेकिन कुछ लोग 20 रकात भी पढ़ते हैं।
  3. तरावीह की नमाज 2-2 रकात करके 20 रकात पढ़ी जाती हैं, यानी 2 रकात के बाद सलाम फेरा जाता है। इसी तरह 2-2 रकात 10 सलाम के साथ 20 रकात तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है। पांच वक्त की नमाज में 2, 4 या 3 रकात होती हैं।
  4. तरावीह की नमाज की नियत अलग होती है। पांच वक्त की नमाज की नियत में वक्त का अलग होता है, जैसे कि दो रकात सुन्नत या फर्ज। 
  5. तरावीह की नमाज की नियत में वक्त का अलग नहीं होता, बल्कि दो रकात सुन्नत तरावीह की तरह होता है।
  6. तरावीह की नमाज में हर रकात में अलग-अलग सूरह पढ़ी जाती है। जबकि पांच वक्त की नमाज में कोई ऐसी पाबंदी नहीं है।
  7. तरावीह की नमाज में तकबीर नहीं पढ़ी जाती है। जबकि पांच वक्त की नमाज में फर्ज नमाज पर तकबीर पढ़ी जाती है।
  8. तरावीह की नमाज अकेले या जमात में पढ़ी जा सकती है। पांच वक्त की नमाज जमात में पढ़ना ज्यादा सवाब का काम होता है।
  9. पांच वक्त की नमाजें गैर जमात में, मस्जिद में या घर पर भी अदा की जा सकती हैं। जबकि, तरावीह नमाज को आम तौर पर मस्जिद जमात के साथ ही पढ़ा जाता है।

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Is Taraweeh every night  Ramadan

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