सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और भगवान कृष्ण दोनों को समर्पित है। इस महीने में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जो भगवान शिव की आराधना का सबसे बड़ा त्योहार है। इसके अलावा, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन रंगों का त्योहार होली भी मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली की शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होती है, जिस दिन फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। आपको बता दें, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि का समापन 2 मार्च को दोपहक 12 बजकर 9 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के आधार पर फुलेरा दूज का पर्व 01 मार्च को मनाया जाएगा। अब ऐसे में इस दिन श्रीराधे-कृष्ण की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे मे इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
फुलेरा दूज के दिन पूजा के लिए सामग्री
फुलेरा दूज फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। फुलेरा दूज के दिन पूजा में उपयोग होने वाली कुछ प्रमुख सामग्रियां विस्तार से पढ़ें।
- राधा-कृष्ण की प्रतिमा
- फूल
- अबीर
- रोली, कुमकुम, अक्षत, चंदन
- धूप और दीप
- माखन और मिश्री
- पंचामृत
- तुलसी के पत्ते
- नए वस्त्र
- श्रृंगार सामग्री
फुलेरा दूज के दिन श्रीराधे-कृष्ण की पूजा किस विधि से करें?
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा घर को साफ करें और श्री राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- रोली, कुमकुम, फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, अबीर-गुलाल, फल, मिठाई, माखन-मिश्री, पंचामृत, और तुलसी दल तैयार रखें।
- श्री राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल, दूध, दही, शहद और जल से अभिषेक करें।
- उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और फूलों से श्रृंगार करें।
- रोली, कुमकुम, अक्षत, और चंदन अर्पित करें। धूप और दीप जलाएं।
- श्री राधा-कृष्ण को सुगंधित पुष्प और अबीर-गुलाल अर्पित करें। फूलों से होली खेलें।
- माखन-मिश्री, फल, मिठाई, और पंचामृत का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल अवश्य शामिल करें।
- श्री राधा-कृष्ण की आरती करें और मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करें।
फुलेरा दूज के दिन श्रीराधे-कृष्ण का पूजा के दौरान मंत्र जाप
पूजा करने के दौरान इन खास मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करें। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे।
- हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।
- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीराधाकृष्णाय नमः।
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
- ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।
फुलेरा दूज के दिन श्रीराधे-कृष्ण की पूजा का महत्व
फुलेरा दूज का त्योहार हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। यह पर्व राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम को समर्पित है। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने का विशेष महत्त्व है। फुलेरा दूज को राधा-कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने राधा रानी को खुश करने के लिए फूलों की होली खेली थी। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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पूजा के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन
- फुलेरा दूज के दिन, सात्विक भोजन करना चाहिए। प्याज और लहसुन जैसे तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
- फुलेरा दूज के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए।
- फुलेरा दूज के दिन घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- इस दिन भजन-कीर्तन जरूर करें।
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Image Credit- HerZindagi
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