इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा हो गई है। पुरस्कार की घोषणा होते ही हर तरफ नरगिस मोहम्मदी का नाम चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि नोबेल समिति द्वारा नरगिस मोहम्मदी को 2023 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर नरगिस मोहम्मदी कौन है, जिन्हें नोबेल समिति ने पुरस्कार देने का फैसला किया।
क्यों दिया गया उन्हें पुरस्कार?
ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न की लड़ाई लड़ने वाली पत्रकार और ईरान में मानवाधिकारों के लिए काम करने के लिए एक्टिविस्ट नर्गिस मोहम्मदी को इस प्राइज से सम्मानित किया गया है।
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कहां हैं नरगिस मोहम्मदी?
नरगिस मोहम्मदी अभी भी ईरान के जेल में बंद हैं, उन्हें जेल के अंदर ही इस पुरस्कार से नवाजा गया है। बता दें कि नर्गिसको 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है।
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 6, 2023
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2023 #NobelPeacePrize to Narges Mohammadi for her fight against the oppression of women in Iran and her fight to promote human rights and freedom for all.#NobelPrizepic.twitter.com/2fyzoYkHyf
क्यों जेल में बंद हैं नरगिस मोहम्मदी?
नरगिस मोहम्मदी की उम्र 51 साल है। उन्हें सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में साल 2015 से जेल में बंद किया गया है।
इसके पहले उन्हें साल 2011 में जेल में बंद किया गया था, उन पर कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की सहायता करने की कोशिश करने का आरोप लगा था। (कौन थीं चांद बीबी)
नरगिस की दो बेटियां
नरगिस जुड़वा बेटियों की मां है। उनका नाम अली और कियाना है। इसी साल न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में नरगिस ने कहा था कि वह पिछले 8 सालों से अपने बच्चों से नहीं मिली है।
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कहां है नरगिस के पति?
नरगिस की दोनों बेटियां उनके पति के साथ फ्रांस में रहती हैं। उनके पति का नाम तागी रहमानी है, जो एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट। बता दें कि उनके पति को भी ईरान की सरकार ने 14 साल जेल की सजा सुनाई थी। (बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर)
जेल में रहकर किया ऐसा काम
जेल में रहते हुए भी नरगिस कभी अपने काम से पीछे नहीं हटी। जेल में रहते हुए उन्होंने कैदियों की तकलीफों को अपनी एक किताब में छाप दिया। इस किताब का नाम व्हाइट टॉर्चर है। नरगिस निडर और काफी साहसी है।
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