
कानपुर की नीना कपूर जिस समस्या का सामना कर रही हैं, उसी तरह की समस्या का सामना कई महिलाएं कर रही हैं। अरेंज मैरिज में अक्सर सोशल प्रेशर की वजह से लड़का और लड़की के ऊपर कम मिलने और कम बात करने की जो पाबंदियां लगाई जाती हैं, यह उन्हीं का परिणाम है कि लड़का और लड़की समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका होने वाला जीवनसाथी कैसा है।
कई केस तो ऐसे भी आए हैं कि लड़का और लड़की अपने विपरीत लिंग के लोगों के प्रति आकर्षित ही नहीं होते हैं और घरवालों को यह बात पता भी होती है, तब भी वे उनकी शादी करा देते हैं। इससे केवल लड़का या लड़की की जिंदगी बरबाद नहीं होती, बल्कि उन सब की हो जाती है, जो लड़का और लड़की से करीब से जुड़े होते हैं।
सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वजह है कि शादी और विपरीत लिंग से जुड़ी पसंद और नापसंद से जुड़े मामलों में हम खुलकर बात नहीं कर पाते।
बीते दिनों महाराष्ट्र के वर्धा शहर से एक खबर आई, जिसमें शादी के 5 वर्ष बाद लड़की को पता चला कि उसका पति तो होमोसेक्शुअल है। अब लड़की और उसके घरवाले खुद को ऐसी स्थिति में महसूस कर रहे थे कि वो करें तो करें क्या। लड़के के घरवालों ने भी यह बात उनसे छुपाई। सोसाइटी के प्रेशर में दोनों ही पक्ष मुंह बंद करके रह गए और बस इतना ही कह पाए कि लड़का और लड़की में बनी नहीं तो तलाक करना पड़ा।
ऐसी घटनाओं के बारे में अब आए दिन सुनने को मिल रहा है। इसलिए हमने बात की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. औजस्वी सिंह से। वह कहती हैं, " सबसे बड़ी समस्या यही है कि हम अपनी सेक्शुअल प्रिफरेंस को लेकर न तो कभी खुलकर बात करते हैं और न खुद की पसंद को स्वीकार करते हैं। हमें सोसाइटी का डर रहता है कि, लोग क्या कहेंगे। हम यह भूल जाते हैं कि लोग तो हर स्थिति में कुछ न कुछ कहेंगे, कमियां निकालेंगे और हमें भ्रम की स्थिति में डालेंगे। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद से पूछें कि हमें क्या चाहिए।"
साइकोलॉजिस्ट डॉ. औजस्वी सिंह लेख में आगे कुछ ऐसे बिंदुओं पर बात करने जा रही हैं, जो हर किसी के लिए पढ़ना और समझना बहुत जरूरी है-

जब बात फिजिकल रिलेशन की आती है, तो हमेशा महिलाओं में एक झिझक देखी जाती है। यह झिझक होती है पहल करने की। फिजिकल रिलेशन बनाने की इच्छा महिलाओं में उतनी ही होती है, जितनी पुरुषों में, मगर शर्म, सोसाइटी का प्रेशर और झिझक हमेशा महिलाओं को इस मुद्दे पर कदमों को पीछे खींच लेने के लिए मजबूर करते हैं। डॉ. औजस्वी सिंह कहती हैं, "यह स्थिति स्वाभाविक रूप से दर्दनाक और उलझनभरी है। यदि आपके पार्टनर फिजिकल रिलेशन बनाने में आनाकानी कर रहे हैं, तो उनके व्यवहार को देखकर तुरंत किसी निष्कर्ष पर न जाएं। पहले खुलकर, लेकिन शांत तरीके से बातचीत करें। अपनी भावनाओं को बिना आरोप के साझा करें। यदि ज़रूरत लगे तो किसी कपल थेरेपिस्ट की मदद लें। आपको अपने रिश्ते में स्पष्टता, भावनात्मक सुरक्षा और सहयोग मिलना चाहिए।"
कई मामलों में ऐसा भी होता है कि शादी के कई साल बीत जाने पर सालों पुराने रिश्तों में भी भावनात्मक दूरी आ जाती है। इसका कारण विवाद, भावनात्मक जरूरतों की अनदेखी, लंबे समय तक तनाव या कम स्वाद होना हो सकता है। ऐसी स्थिति में कभी-कभी पार्टनर खुद को दबाव में महसूस करता है, जिससे वे भीतर ही भीतर दूरी बना लेते हैं। डॉ. औजस्वी सिंह कहती हैं, " यहां भी बात करना बहुत जरूरी हो जाता है। कई बार हम ईगो में ऐसा नहीं करते हैं, मगर जरूरी यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा बात करें। "
फिजिकल रिलेशन में कमी केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि शारीरिक या मानसिक कारणों से भी हो सकती है। तनाव, हार्मोनल असंतुलन, दवाइयों के असर या मानसिक थकान से भी ऐसा होता है।
डॉ. औजस्वी सिंह कहती हैं, "आपको इनमें से कोई भी वजह लग रही हो तो डॉक्टर से जांच कराएं। वहीं, भावनात्मक दूरी अक्सर इस रूप में दिखती है कि पार्टनर में रुचि, सहानुभूति या जुड़ाव की भावना कम हो जाती है।"
इस विषय पर बात करते समय आरोप नहीं, अपनापन रखें। "तुम कभी मुझसे बात नहीं करते" कहने के बजाय ऐसे कहें-
"मुझे थोड़ा अलगाव महसूस हो रहा है, क्या हम इस पर बात कर सकते हैं?" इससे सामने वाला खुद को सुरक्षित महसूस करेगा और खुलकर बोल पाएगा। डॉ. औजस्वी सिंह कहती हैं, " एक बात जान लीजिए होमोसेक्शुअल होना अपराध नहीं है, मगर सोसाइटी में इन्हें अलग समझा जाता है और यह भावना इन्हें अपराधबोध महसूस कराती और यह लोग खुद की इच्छाओं को खुलकर नहीं रख पाते। वहीं दूसरी तरफ हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति का अधिकार है। खासतौर पर जिस बात से किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचे उसे कहने में कोई हर्ज नहीं है। "

अगर लगता है कि पार्टनर कुछ छिपा रहे हैं, तो बात शांति और प्यार से करें। आप कह सकती हैं, "मुझे लग रहा है कि तुम कुछ सोच रहे हो और मैं चाहती हूं कि जब तुम तैयार हो तो हम इस पर बात करें।" यह तरीका आरोप नहीं लगाता बल्कि दर्शाता है कि आप रिश्ते को लेकर ईमानदार हैं और बातों से मसले को सुलझाना चाहते हैं।
डॉ. औजस्वी सिंह कहती हैं, " पति-पत्नी के रिश्तों में अगर दूरियां आ रही हैं, तो बातों से उन्हें खत्म किया जा सकता है। यदि पार्टनर अपनी सेक्शुआलिटी आप से छुपा रहा है, तो यह एक गंभीर और उलझनभरी स्थिति है। इसके लिए आपको काउंसलर की मदद लेनी चाहिए। एक बात ध्यान रखें कि हर समस्या का हल है, मगर उस पर खुलकर सही व्यक्ति से आपको बात करनी पड़ेगी।"
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