हर महीने दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। दिसंबर में भी दो एकादशी आएंगी. इनमें से पहली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। यह मार्गशीर्ष महीने में आती है और बहुत खास मानी जाती है। क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश दिए थे। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। इस साल मोक्षदा एकादशी आज है।
मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्राप्ति का सबसे उत्तम साधन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से मन पवित्र होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा किस विधि से करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
मोक्षदा एकादशी के दिन पूजा के लिए सामग्री क्या है?
मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जानें।
- विष्णु जी की मूर्ति
- पीला कपड़ा
- पीले फूल
- अक्षत
- कुमकुम
- तुलसी दल
- पंचामृत
- आम का पत्ता
- पीले फल
- पंचमेवा
- चौकी
- धूप
- दीपक
- पंचामृत
मोक्षदा एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा किस विधि से करें?
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और फूलों से सजाएं।
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
- मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और साफ वस्त्र पहनाएं।
- चंदन का तिलक लगाएं और फूलों की माला पहनाएं।
- पूजा के लिए तुलसी के पत्ते, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, रोली, अक्षत आदि सामग्री लें।
- भगवान विष्णु को फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- विष्णु जी को तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
- भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं।
- मोक्षदा एकादशी की कथा सुनें या पढ़ें।
- आखिर में भगवान विष्णु की आरती करें।
- इस दिन ध्यान रखें कि चावल का सेवन करने से बचें।
मोक्षदा एकादशी के दिन करें इन नियमों का पालन
- मोक्षदा एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पवित्र दिन को सफल बनाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है।
- इस दिन किसी भी प्रकार के अनाज, दाल, चावल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मोक्षदा एकादशी के दिन लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित है।
- एकादशी के दिन व्रती को रात में भोजन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें।
- एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है।
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मोक्षदा एकादशी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत को करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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Image Credit- HerZindagi
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