भारत की महिला ब्राइकर डॉ. सरिता मेहता ने बाइक राइड करके 25 देशों से अधिक सफल यात्राएं की हैं। ब्राइकर डॉ. सरिता मेहता ने अपने जीवन में कई सारी चुनौतियों को पीछे छोड़ा और फिर अपने सफर पर निकल गई जिससे हमारे देश की कई सारी लड़कियों को और महिलाओं को प्रेरणा भी मिलती है। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि कैसे ब्राइकर डॉ. सरिता मेहता बाइकिंग क्वीन बनी और उन्हें कैसे कुछ अलग करने का जज्बा मिला। तो चलिए जानते हैं-
कैसे शुरू की डॉ. सारिका मेहता ने बाइकिंग?
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सारिका एक गुजराती परिवार से हैं और उन्होंने सबसे पहले अपनी पढ़ाई को पूरा किया और फिर वह डॉक्टर बनी। इसके बाद वह मॉउंटेनीर भी बनी और इसी समय के दौरान मन में उन्हें बाइक राइड करने का जुनून सवार हुआ और उन्होंने अपने पति जिग्नेश मेहता से सबसे पहले बाइक राइड करना सीखा था।
इसके बाद उन्होंने बाइक से जुड़ी हुई सारी तकनीक को समझा था और उन्हें यह भी पता चला की हेलमेट न पहनने से कई तरह की दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसके लिए उन्होंने सेफ्टी फर्स्ट का कैम्पेन किया था। इसमें उन्होंने बच्चों को बाइक की पूरी जानकारी और हेलमेट से किस तरह उनकी बाइक राइड सेफ हो सकती है इसके बारे में बताया था। इस
मिलें हैं कई सम्मान
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आपको बता दें कि डॉ. सारिका को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने उनके कैम्पेन को बहुत अधिक पसंद किया और उन्होंने विदेश में भी इस जानकारी को फैलाने के लिए कहा। इसके बाद 25 देशों की यात्रा के मिशन को पूरे करने के लिए डॉ. सारिका ने अपने सफर को शुरू किया जिसमें उनके साथ रूताली पटेल और जीनल शाह भी थी।(जानिए कैसे जम्मू की पहली महिला ई-रिक्शा चालक बनीं सीमा देवी)
आपको बता दें कि इस सफर में उन्हें कई मुश्किलों को सामना करना पड़ा था। उन्हें कई देशों में भाषा और खराब मौसम के साथ-साथ साइन बोर्ड और ठहरने की भी परेशानी हुई थी। आपको बता दें कि इसके बाद उन्होंने उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, लातिविया, पोलैंड होकर जर्मनी, मास्को, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, पेरिस, लिथुवानिया और फिर बार्सिलोना पहुंच कर पंद्रह अगस्त को झंडा भी फहराया था।
इस तरह से उन्होंने एक नया रिकॉर्ड कायम किया और वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज करवा चुकी है।
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जानें कैसे बनी बाइकिंग क्वीन?
डॉ. सारिका ने बाइकिंग क्वीन्स चैरिटेबल संस्था को शुरू किया था जिसके बाद इस ग्रुप में लगभग 50 से ज्यादा महिलाओं को शामिल किया है जो बाइक राइड करती हैं। इस कारण से उन्हें बाइकिंग क्वीन का फाउंडर भी कहा जाने लगा। डॉ. सारिका के बाइकिंग क्वीन्स ग्रुप ने पहली राइड सूरत से सिंगापुर तक की थी।(मिलिए कैप्टन मोनिका खन्ना से जिन्होंने बचाई 191 यात्रियों की जान)
आपको बता दें कि वह दुनिया की पहली महिला बाइकर हैं जो एवरेस्ट बेस कैंप तक बाइक से गई हैं। जब सारिका के बाइकिंग क्वीन्स ग्रुप ने कई सारे देशों की राइड को पूरा किया था तो प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें सम्मान भी मिला था।
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तो ये थी ब्राइकर डॉ. सरिता मेहता की लाइफ से जुड़ी हुई जानकारी जिससे हमारे देश की कई महिलाओं को प्रेरणा मिल रही है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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