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जानिए कैसे जम्मू की पहली महिला ई-रिक्शा चालक बनीं सीमा देवी

जम्मू कश्मीर की पहली महिला ई-रिक्शा चालक ने एक अहम कदम उठाया जिससे महिलाओं को लेकर समाज में बदलाव भी आ रहा है। 
Editorial
Updated:- 2022-12-06, 12:08 IST

आज के समय में महिलाएं हवाई जहाज उड़ा रही हैं, ट्रेन चला रही हैं तो ई-रिक्शा क्यों नहीं चला सकती हैं? यह विचार है जम्मू कश्मीर की पहली महिला ई-रिक्शा चालक सीमा देवी का जिन्होंने महिलाओं से जुड़ें रूढ़िवादी विचारों को पीछे छोड़कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ई-रिक्शा चलाना शुरू किया और अपनी मेहनत से अपने लिए नया रास्ता बनाया लेकिन उन्होंने यह कैसे किया चलिए जानते हैं इस लेख में।

जानिए कौन हैं सीमा देवी?

जम्मू कश्मीर में नगरोटा जिले की रहने वाली सीमा देवी एक गृहणी की तरह अपने परिवार का पालन पोषण करती थी। आपको बता दें कि सीमा देवी के परिवार में उनके पति हैं और तीन बच्चे भी हैं। अपने परिवार के लिए सीमा देवी के पति अकेले ही कमाई करते थे। (मिलिए देश की पहली महिला IAS अन्ना राजम मल्होत्रा से, 1951 में ऐसे किया था संघर्ष )अकेले कमाई करने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती थी जिसकी वजह से सीमा देवी ने भी परिवार की जरूरतों के लिए काम करने की ठान ली।

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कब शुरू किया ई-रिक्शा चलाना?

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सीमा देवी को पढ़ाई करना बहुत पसंद था लेकिन वह एक गरीब परिवार से थी इस वजह से उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई थी और उनके माता-पिता ने जल्द ही उनकी शादी कर दी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए और अपने बच्चों की शिक्षा को पूरा करने के लिए उन्होंने ई रिक्शा चलाना शुरू किया।(आजाद हिंदुस्तान की पहली महिला पायलट के बारे में कितना जानते हैं आप? ) ई-रिक्शा खरीदने के लिए उन्होंने अपने पति के साथ लोन के लोन भी लिया था। आपको बता दें कि उनके पति ने ही उन्हें ई-रिक्शा चलाना सिखाया था।

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सीमा देवी के परिवार और पड़ोसियों ने उनका मजाक भी बनाया कि एक लड़की कैसे ड्राइविंग कर सकती है और सीमा के ई-रिक्शा चलाने पर लोग उनके ऊपर हंसते थे लेकिन उन्होंने इन सभी बातों को नजरअंदाज किया और अपने मन को मजबूत करके इस काम को किया। सीमा हमेशा से ही आर्थिक तौर पर मजबूत होना चाहती थी। रिक्शा चलाने के कुछ माह बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी और उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा भी मिलने लगी।

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जम्मू कश्मीर की कई महिलाओं के लिए वह एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं। उन्होंने एक साधारण गृहणी से ई- रिक्शा चालक बनने का सफर उनके लिए बहुत कठिन रहा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और परिवार की जरूरतों के लिए यह काम करने किया। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय हम तक जरूर पंहुचाएं। ऐसे ही अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

image credit- jagran/publish news

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