जानें आखिर क्यों शीतला अष्टमी पर खाते हैं ठंडा भोजन, यहां पढ़ें इससे जुड़े पौराणिक तर्क

होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन शीतला मां को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। जानें इसके पीछे क्या महत्व है।

  • Shilpa
  • Editorial
  • Updated - 2022-03-21, 18:33 IST
Sheetala Ashtami Vrat

हिंदू धर्म में मां दुर्गा के अनेक रूपों का अपना अलग महत्व होता है। मां शीतला भी दुर्गा जी का ही एक स्वरूप हैं। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। इस त्योहार को बासोड़ा पूजन और शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शीतला अष्टमी, होली के आठ दिन बाद मनाई जाती है। इस बार शीतला अष्टमी 25 मार्च को मनाई जाएगी। शीतला अष्टमी के दिन मां को ठंडा भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां शीतला को बासी भोजन पसंद है।

बासोड़ा पूजन के लिए महिलाएं एक रात पहले खाना बना लेती हैं, अगले दिन सुबह माता शीतला को भोग लगाकर घर के सभी लोग इसे खाते हैं। इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है। बासोड़ा पूजन के दिन सभी लोग बासी भोजन का सेवन करते हैं। वैसे ठंडा भोजन खाने के पीछे पौराणिक तर्क है, आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉक्टर आरती दहिया जी से जानें शीतला अष्टमी पर बासी खाना क्यों खाते हैं और इसके पीछे क्या महत्व है?

बीमारियों से बचाव

eat cold food on sheetala ashtami ()

हिंदू परंपरा के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन अग्नि नहीं जलाई जाती है। इस दिन के लिए एक रात पहले ही खाना बनाया जाता है। माना जाता है कि इस समय मौसम में बदलाव की वजह से शरीर काफी कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से लोग कई तरह की मौसमी बीमारी जैसे चेचक रोग, खसरा की चपेट में आ सकते हैं। ठंडा भोजन खाने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता, जैसी बीमारियों से राहत मिलती है। इसलिए इस दिन ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है।

इसे भी पढ़ेंःExpert Tips: ज्योतिष एक्सपर्ट से जानें आपकी राशि के लिए बेस्ट प्रोफेशन कौन सा है

पौराणिक तर्क

पौराणिक मान्यता है कि मां शीतला को ठंडा भोजन बेहद पसंद है। यही कारण है कि इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए बासी चीजों का भोग लगाया जाता हैं। इस दिन आप आखिरी बार बासी भोजन खा सकते हैं, इसके बाद वाले समय में बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि गर्मी बढ़ने लगती है जिसकी वजह से खाना खराब हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि साल में एक बार ठंडा भोजन करने से पाचन तंत्र सही बना रहता है।

इसे भी पढ़ेंःSheetala Ashtami 2022: जानें शीतला अष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

ठंडे भोजन खाने का महत्व

quote

माता शीतला चेचक और खसरा जैसे रोग की देवी हैं। पुराणों में बताया है मां शीतला इन रोगों को दूर करती हैं। प्राचीन समय में जब चेचक की बीमारी फैलती थी उस समय मां की उपासना और साफ-सफाई के द्वारा इसे ठीक किया जाता था। आज भी चेचक, खसरा, बड़ी माता और छोटी माता जैसी बीमारी से बचने के लिए साफ-सफाई ठंडा पानी और नीम का प्रयोग किया जाता है।

शीतला अष्टमी का महत्व

हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व होता है। मां शीतला लोगों को कई तरह की मौसमी बीमारियों से बचाती हैं। कहा जाता है कि मां शीतला की पूजा करने से चेचक और खसरा जैसी बीमारियां नहीं होती हैं। अगर घर में किसी को चेचक या खसरा निकल आए तो माता शीतला का पूजन कर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

शीतला अष्टमी के दिन मां को बासी भोग लगाने और खाने का विशेष महत्व है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: Gopal Gurjar, HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP