
गाय को केवल एक पशु नहीं, बल्कि गौ माता का दर्जा दिया गया है और माना जाता है कि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गौ सेवा को सबसे बड़ा पुण्य का कार्य माना गया है और घर की पहली रोटी गाय के लिए निकालना एक पवित्र परंपरा है। जब हम गाय को भोजन अर्पित करते हैं, तो यह सीधे देवी-देवताओं को भोग लगाने के समान माना जाता है। लेकिन, जब यह भोजन बासी या झूठा हो, तो यह आस्था और स्वच्छता दोनों के विरुद्ध हो जाता है जिसके कारण कई धार्मिक और व्यावहारिक रूप से अशुभ प्रभाव जीवन में दिखने लगते हैं। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि अक्सर लोग गाय को बासी या झूठा खाना खिला देते हैं, मगर ऐसा करने से आपको पुण्य की प्राप्ति नहीं बल्कि पापों में वृद्धि होगी एवं कई दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं।
ज्योतिष में, गाय को बृहस्पति ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। बृहस्पति ज्ञान, धर्म, समृद्धि और भाग्य का कारक है। जब आप गाय को झूठा या बासी भोजन खिलाकर उसका अपमान करते हैं, तो आपका बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है। इसके कारण भाग्य साथ देना छोड़ देता है, ज्ञान और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है और संतान संबंधी कष्ट बढ़ जाते हैं।

गाय को लक्ष्मी का रूप माना जाता है और यह शुक्र ग्रह से भी संबंधित है जो धन, वैभव, सुख और भौतिक आनंदों का कारक है। झूठा भोजन खिलाने से शुक्र ग्रह रुष्ट होता है जिससे घर में धन की बरकत रुक जाती है, आर्थिक संकट आता है और जीवन से ऐश्वर्य और सुख-शांति दूर हो जाती है। हिन्दू मान्यताओं में, गाय को पूर्वजों की मुक्ति और शांति से भी जोड़ा जाता है।
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गाय को अशुद्ध भोजन देना पितरों का अपमान माना जाता है जिससे घर में पितृ दोष लगता है। पितृ दोष के कारण परिवार में अकारण समस्याएं, विवाह में देरी, संतान प्राप्ति में रुकावट और मानसिक अशांति बनी रहती है। झूठा और बासी भोजन स्वयं में नकारात्मक ऊर्जा और अशुद्धि लिए होता है। गौ माता को यह खिलाने से आपके घर और परिवेश में नकारात्मक शक्तियों का संचार होता है।
इससे आपके बने-बनाए काम बिगड़ने लगते हैं और जीवन में अनावश्यक संघर्ष बढ़ जाता है। जैसा कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है, उसे झूठा या बासी भोजन खिलाने से सभी देवी-देवता अप्रसन्न होते हैं। इससे आपके द्वारा किए गए अन्य पुण्य कर्मों का फल भी कम हो जाता है। आप गौ सेवा का पुण्य कमाने के बजाय, महापाप के भागीदार बन जाते हैं।
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गाय को पहली रोटी खिलाना मनोकामना पूर्ति का सबसे सरल उपाय माना जाता है। लेकिन अगर आप प्रेम और श्रद्धा के बजाय बचा हुआ या झूठा भोजन खिलाते हैं, तो आपकी कोई भी मनोकामना पूरी नहीं होती है। यह कृत्य दिखाता है कि आप केवल स्वार्थवश गौ सेवा कर रहे हैं जो पूजा के फल को नष्ट कर देता है।इसलिए, गौ माता को हमेशा शुद्ध और सात्विक भोजन ही खिलाना चाहिए।

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