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Ahoi Ashtami Tara Nikalne ka Samay 2025: अहोई अष्टमी पर आपके शहर में क्या है तारे निकलने का समय? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और विशेष योग

Ahoi Ashtami Tara Rise Time 2025: इस साल 13 अक्टूबर, सोमवार के दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल अहोई अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, कौन से शुभ योगों का निर्माण हो रहा है और राज्य अनुसार क्या है चंद्रमा एवं तारे निकलने का समय?  
Editorial
Updated:- 2025-10-13, 18:23 IST

अहोई अष्टमी का पर्व माताएं अपनी संतान के कल्याण, लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माताएं बिना पानी पिए दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को अहोई माता की पूजा करती हैं। रात को तारों को देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। इस व्रत को संतान से जुड़ी हर प्रकार की समस्या और कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है। इस साल 13 अक्टूबर, सोमवार के दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल अहोई अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, कौन से शुभ योगों का निर्माण हो रहा है और राज्य अनुसार क्या है चंद्रमा एवं तारे निकलने का समय?

अहोई अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी की तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर से हो रहा है। ऐसे में व्रत की शुरुआत और संकल्प के लिए दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से समय प्रारंभ होगा। वहीं, अहोई अष्टमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 08 मिनट तक है। यह अहोई माता की पूजा करने का सबसे उत्तम और शुभ समय है। इस समय माताएं दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाकर उनकी पूजा करती हैं।

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इसके अलावा, दिन का सबसे शुभ मुहूर्त जिसका उपयोग आप व्रत का संकल्प लेने या अन्य शुभ कार्य शुरू करने के लिए कर सकते हैं यानी कि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप अहोई अष्टमी का दान करते हैं तो आपको माता अहोई का अखंड आशीर्वाद मिलेगा और आपकी संतान को आरोग्य का वरदान प्राप्त होगा।

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अहोई अष्टमी 2025 शुभ योग

इस साल 13 अक्टूबर को मनाई जाने वाली अहोई अष्टमी बहुत खास है क्योंकि इस दिन एक-दो नहीं, बल्कि चार बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, इन योगों के कारण अहोई माता की पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और संतान को विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सिद्ध योग, शिव योग, रवि योग और परिघ योग का निर्माण हो रहा है। ये चारों योगों के प्रभाव से अहोई अष्टमी की पूजा और लाभकारी हो जाएगी।

अहोई अष्टमी के दिन शिव योग 13 अक्टूबर को सुबह लगभग 8 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगा और 14 अक्टूबर की सुबह तक रहेगा। शिव योग के साथ-साथ उसी समय में सिद्ध योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। वहीं, रवि योग सुबह 6 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर दोपहर लगभग 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, परिघ योग 13 अक्टूबर की सुबह 8 बजकर 10 मिनट से पहले समाप्त हो जाएगा।

अहोई अष्टमी 2025 राज्य अनुसार तारे निकलने का समय

अहोई अष्टमी का व्रत तारों के दर्शन के बिना अधूरा माना जाता है। माताएं दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को तारे देखकर ही व्रत खोलती हैं। चूंकि अलग-अलग राज्यों के भौगोलिक स्थान अलग-अलग होते हैं इसलिए तारों के निकलने के समय में भी कुछ मिनटों का अंतर आता है।

राज्य का नाम 

 तारे निकलने का समय
 दिल्ली   शाम 6 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट के बीच
 उत्तर प्रदेश  शाम 6 बजकर 10 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट के बीच
 राजस्थान  शाम 6 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट के बीच
 बिहार   शाम 6 बजकर 05 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट के बीच
 हरियाणा  शाम 6 बजकर 18 मिनट से 6 बजकर 28 मिनट के बीच
 मध्य प्रदेश  शाम 6 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट के बीच

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अहोई अष्टमी 2025 राज्य अनुसार चंद्रमा निकलने का समय

अहोई अष्टमी का व्रत तारों को देखकर संपन्न होता है लेकिन कई राज्यों में चंद्रमा पूजन भी इस दिन किया जाता है। ऐसे में अगर आपके रीति-रिवाज अनुसार, आप चंद्रमा के दर्शन करने और चंद्र अर्घ्य देने के बाद अहोई अष्टमी का व्रत खोलती हैं तो यहां राज्य अनुसार समय देख सकती हैं।

ahoi ashtami 2025 pr chandrama nikalne ka samay

राज्य का नाम 

चंद्रमा निकलने का समय
दिल्ली रात 11 बजकर 56 मिनट
उत्तर प्रदेश रात 11 बजकर 44 मिनट
राजस्थान रात 11 बजकर 56 मिनट
मध्य प्रदेश रात 12 बजकर 06 मिनट
हरियाणा रात 11 बजकर 56 मिनट
 बिहार  रात 11 बजकर 33 मिनट

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image credit: gemini, herzindagi 

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FAQ
अहोई अष्टमी के दिन क्या दान करें? 
अहोई अष्टमी के दिन 5 प्रकार के अनाज दाना करना शुभ होता है।
अहोई अष्टमी के दिन किसकी पूजा होती है?
अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा की जाती है।  
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