बच्चे की परवरिश करना इतना भी आसान नहीं होता। जहां उनकी कुछ मासूम हरकतें चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं, वही हर नए दिन के साथ बच्चे की नई फरमाइशें, उनकी जिद व कई बार उनका परेशान कर देने वाला व्यवहार कई मुश्किलें खड़ी कर देता है। ऐसी मम्मी बेहद कम ही देखने को मिलेंगी, जो अपने बच्चे को डांटती न हों या उन पर गुस्सा न करती हों। दरअसल, बच्चों को शांत करने के लिए उन्हें इसके अलावा दूसरा कोई रास्ता समझ नहीं आता।
बच्चों को हैंडल करने के लिए बेहद समझदारी व धैर्य का परिचय देना होता है, तभी तो कहा जाता है कि पैरेंटिंग दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। आपका जरूरत से ज्यादा प्यार या गुस्सा दोनों ही बच्चे के व्यक्तित्व के लिए घातक है। ऐसे में आपको अपने क्रोध को संयम में रखते हुए बच्चे का पालन पोषण करना होता है। साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि आप बच्चे को जरूरत से ज्यादा पैम्पर न करें, अन्यथा यह बच्चे को जिद्दी बना देता है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे parenting issue के बारे में बता रहे हैं, जिनका सामना लगभग हर माता-पिता को करना पड़ता है, लेकिन उन्हें इससे निकलने का रास्ता नहीं पता होता-
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नखरे दिखाना
कुछ बच्चे स्वभाव में बेहद नखरीले होते हैं। उन्हें जो चीज पसंद आ जाती है, उसे पाने के लिए वह तरह-तरह के पैंतरे अपनाते हैं। कई बार जोर-जोर से रोने लगते हैं। अगर उनकी कोई चीज खो जाए या उसे कोई ले ले तो भी उनका रोना शुरू हो जाता है। इस स्थिति में आप अपना आपा खोने की बजाय कुछ देर के लिए खुद को शांत बनाए रखें। आप बच्चे से कहें कि उसके चुप होने के बाद ही उसकी बात सुनेंगे। कभी भी बच्चे के नखरे करने या रोने पर उसकी डिमांड को पूरा न करें। इससे बच्चे को समझ आता है कि टैंट्रम दिखाने से वह अपनी बात नहीं मनवा सकते।
बात न मानना
यह समस्या तो लगभग हर दूसरे घर में देखी जाती है। बच्चे अपने बड़ों की बात सुनते ही नहीं। ऐसे में मम्मी अपनी बात मनवाने के लिए उन पर जोर-जोर से चिल्लाने लगती हैं। आप ऐसा न करें, बल्कि उनसे बात न मानने के पीछे का कारण जानने की कोशिश करें। साथ ही कभी भी बच्चे के अशिष्ट व्यवहार को बर्दाश्त न करें। अगर बच्चा ऐसा करता है तो आप कुछ देर के लिए उससे बात न करें। बच्चे कभी भी इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाते कि आप उनसे बात नहीं कर रही। जब वह आपकी बात मान लें तो आप उन्हें समझाएं कि आप उनसे बेहद प्यार करती हैं, लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि वह आपके साथ मिसबिहेव करें।
सिबलिंग राइवलरी
जिन घरों में दो या उससे अधिक बच्चे होते हैं, वहां पर उनके बीच झगड़ा होना बेहद सामान्य है। लेकिन कुछ घरों में यह समस्या हर वक्त देखी जाती है और फिर मम्मी के लिए उस स्थिति को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के बीच बार-बार और लगातार होने वाली लड़ाईयां यकीनन आपको परेशान कर सकती हैं। इस स्थिति से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि लड़ाई के बाद आप उन्हें शांत होने के लिए कुछ समय दें और कुछ वक्त के लिए भाई-बहनों को अलग कर दें। साथ ही आप दोनों को एक-एक पेपर दें और उन्हें अपने भाई व बहन के बारे में कुछ ऐसी बातें लिखने के लिए कहें, जो उन्हें अच्छी लगती हों या फिर कभी भी उन्होंने उनकी मदद की हो तो वह भी कागज पर लिखें। इससे बच्चों को अपने भाई व बहन के महत्व व उनकी जरूरत का अहसास होगा।
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झूठ बोलना
कई बार बच्चे अपने माता-पिता की डांट से बचने के लिए झूठ बोल देते हैं या फिर कुछ बच्चों की आदत ही होती है छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलना। बच्चों की इस आदत को बदलने के लिए आप उन्हें सच बोलने का महत्व समझाएं। साथ ही सच बोलने पर उन्हें कभी भी डांटें या सजा न दें, भले ही उन्होंने कोई गलती की हो। आप उन्हें प्यार से उनकी गलती का अहसास कराएं। जो माता-पिता सच बोलने पर भी बच्चों को डांट देते हैं, उनके बच्चे झूठ बोलने को डांट से बचने का एक आसान रास्ता समझ लेते हैं और फिर बार-बार झूठ बोलते हैं।
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