किसी भी फिल्म की सफलता सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि उस फिल्म में कितने पॉपुलर व सफल कलाकार को रोल ऑफर किया गया है या फिर फिल्म का बजट कितना बड़ा है। एक अच्छी फिल्म बनती है उसकी कहानी से। जब फिल्म की कहानी दर्शकों के मन-मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है और उन्हें बोर किए बिना एक अच्छा मैसेज देती है, तभी दर्शक फिल्म को बार-बार देखना पसंद करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि ऑडियंस को टिकट खिड़की तक लाने का मुख्य दारोमदार फिल्म की कहानी पर ही होता है।
शायद यही कारण है कि कोई भी निर्माता-निर्देशक सबसे पहले अपनी फिल्म की कहानी पर ही जोर देते हैं। पिछले कुछ सालों में महिलाओं पर बेस्ड मूवीज का चलन काफी बढ़ गया है। यह फिल्में सिर्फ महिलाओं के अधिकारों की ही बातें नहीं करती हैं, बल्कि उनका सोचने का नजरिया और समाज की महिलाओं के प्रति सोच को भी परदे पर साकार रूप में दिखाती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही मूवीज के बारे में बता रहे हैं, जो वुमन बेस्ड हैं और हर किसी को इन फिल्मों को एक बार तो अवश्य देखना चाहिए-
दामिनी (1993)
मीनाक्षी शेषाद्रि द्वारा निभाई गई दामिनी एक महिला की लड़ाई की कहानी है, जो सच्चाई के लिए अपने ही ससुराल से लड़ती है। ऐसे में ना केवल परिवार के विरोध के कारण उसे घर छोड़ना पड़ा। बल्कि कई तरह की विपरीत परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी। फिल्म की कहानी बयां करती है कि बाहर से बेहद कोमल दिखने वाली एक स्त्री अंदर से बेहद ही मजबूत हो सकती है।
इसे ज़रूर पढ़ें-इन फिल्मों को देखकर आप भी खुद को रख सकती हैं हमेशा motivated
लज्जा (2001)
लज्जा एक ऐसी फिल्म है, जो भारतीय समाज में महिलाओं पर किए जाने वाले कई तरह के गलत कामों को उजागर करती है। फिल्म में रेखा, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी ने दहेज से लेकर कन्या हत्या जैसी कई सामाजिक कुरीतियों को फिल्म में उजागर किया है।
इंग्लिश विंग्लिश (2012)
इंग्लिश विंग्लिश एक आम गृहिणी शशि गोडबोले की कहानी है। जिसे परदे पर श्रीदेवी द्वारा साकार किया गया। फिल्म में बेहद ही खूबसूरती के साथ यह दिखाया गया है कि कैसे एक गृहिणी, एक पत्नी और एक मां के रूप में निपुण है, लेकिन फिर भी उसके परिवार के सदस्य उसकी प्रतिभा की प्रशंसा करने के स्थान पर उसे नीची नज़र से देखते हैं और उसका मज़ाक उड़ाते हैं, क्योंकि वह अच्छी तरह अंग्रेजी नहीं बोल सकती है। (बॉलीवुड की ये विमेन सेंट्रिक फिल्में आपको करेंगी प्रेरित)
यह चीजें शशि गोडबोले को आहत करती हैं और बाद में अपनी भतीजी की शादी में इंग्लिश सीखकर उसने सभी चीजों को बदल दिया। ऐसी स्थिति का सामना अधिकतर घरों में महिलाएं करती हैं, जब उन्हें छोटी-छोटी बातों के लिए अपने ही परिवार के सदस्यों द्वारा हंसी का पात्रा बनना पड़ता है।
मर्दानी (2014)
मर्दानी एक महिला कॉप शिवानी रॉय की कहानी है। यह किरदार रानी मुखर्जी द्वारा निभाया गया है। फिल्म में शिवानी बाल तस्करी और ड्रग्स से जुड़े संगठित अपराधों के सरगना से लड़ती है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे महिला अधिकारी भी उतनी ही कुशलतापूर्वक अपराधों से निपट सकती हैं और किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकती है। फिल्म के पार्ट 2 अर्थात् मर्दानी 2 में रानी मुखर्जीद्वारा दिया गया इंटरव्यू यकीनन हर पुरूष की सोच को ना केवल उसका आईना दिखाता है, बल्कि उसे अंदर तक हिलाकर रख देता है।
मैरी कॉम (2014)
मैरी कॉम एक रियल लाइफ भारतीय मुक्केबाज की सच्ची जीवन कहानी है। प्रियंका चोपड़ा ने बड़े पर्दे पर मैरी कॉम की कहानी को खूबसूरती से साकार किया। मैरी कॉम को अपने करियर में जिन कठिनाइयों से गुजरना पड़ा, उसके कारण यह फिल्म बेहद विशेष है।
इसे ज़रूर पढ़ें-असल जिंदगी और सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं बॉलीवुड की ये फिल्में, आप भी जानें
वह शादी के बाद यहां तक कि दो बच्चे ेहो जाने के बाद भी मुक्केबाजी के रिंग में अपनी वापसी करती है। फिल्म की कहानी यह सीख देती है कि एक स्त्री के लिए बच्चे उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी ताकत होते हैं। और अगर एक स्त्री चाहे तो जीवन के किसी भी मोड़ पर कोई भी मुकाम हासिल करने का माद्दा रखती है।
इसके अलावा, पिंक, क्वीन, अस्तित्व, मृत्युदंड, नीरजा, अंडर माइ बुरखा, कहानी और अर्थ जैसी कई बॉलीवुड फिल्में हैं, जो वुमन ओरिएंटड हैं और जिन्हें दर्शकों ने बेदह पसंद किया।अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Recommended Video
Image Credit- IMDb, livemint, filmdoo , deccanchronicle
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों