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एंटीलिया से भी महंगे घर में रहती हैं राधिका राजे, बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है इनका आशियाना

दुनिया के सबसे महंगे घर की बात करें, तो हमारे जहन में एंटीलिया और बकिंघम पैलेस जैसे नाम आते हैं, लेकिन गुजरात का लक्ष्मी विलास पैलेस दुनिया के सबसे बड़े और महंगे प्राइवेट रेसिडेंस में से एक है।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-03-18, 14:58 IST

दुनिया के सबसे बड़े घर में क्या होगा? किस तरह की सुविधाएं, कितनी बड़ी प्रॉपर्टी और कितना महंगा होगा यह घर? अगर आपसे कहा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा घर भारत में ही है और यह ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स के आधिकारिक घर बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है, तो आपको शायद यह जानकर आश्चर्य हो। नहीं-नहीं, यहां एंटीलिया की बात नहीं हो रही है, यहां बात हो रही है एक ऐसे महल की जो अंग्रेजों के राज से भी पुराना है। 

दरअसल, 2024 जनवरी में ही गुजरात के लक्ष्मी विलास पैलेस को एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया का सबसे बड़ा घर बताया गया है। एक मार्केटिंग फर्म की इस रिपोर्ट के बारे में आपको नीचे दिए गए इंस्टाग्राम लिंक से पता चल जाएगा।   

 

 

 

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लक्ष्मी विलास पैलेस को 1890 में गायकवाड़ परिवार ने बनवाया था। गायकवाड़ परिवार है तो मराठा, लेकिन गुजरात के बड़ौदा राज्य पर राज करता था। यह पैलेस आज भी बड़ौदा के राज परिवार का आशियाना है।  

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कौन हैं लक्ष्मी विलास पैलेस की मालकिन? 

मॉर्डन इंडिया में राजवाड़ा झलक दिखातीं राधिका राजे गायकवाड़ बड़ौदा के महाराजा समरजीत सिंह गायकवाड़ की पत्नी हैं। राधिका राजे ना सिर्फ एक मॉर्डन महारानी हैं बल्कि एक सफल सोशल वर्कर भी हैं। वह कई सोशल इवेंट्स का हिस्सा रहती हैं और कई लोग यह नहीं जानते कि राधिका अपने समय में इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर भी रह चुकी हैं।  

radhika raje gayakwad

राधिका का परिवार गुजरात के वांकानेर रियासत में राज किया करता था। हालांकि, उनके पिता डॉक्टर एमके रणजीत सिंह झाला ने अपना टाइटल छोड़ सिविल सर्विसेज को चुना था।  

राधिका राजे के पिता ने भोपाल गैस कांड के दौरान भी ड्यूटी की थी। उन्होंने अपने पिता से ही मानवाधिकारों के लिए काम करने की विरासत हासिल की है। राधिका बचपन में डीटीसी बस में स्कूल जाया करती थीं क्योंकि उनकी मां का मानना था कि इससे बच्चे स्वतंत्र बनेंगे।  

राधिका के परिवार में वह पहली महिला थीं जिन्होंने कहीं नौकरी की थी। राधिका के लिए जब रिश्ता ढूंढना शुरू हुआ, तो वह कई लोगों से मिलीं, लेकिन उनमें से सिर्फ बड़ौदा के तत्कालीन राजकुमार समरजीत ही ऐसे थे जिन्हें राधिका का कहीं पेमेंट करना या आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर करना गलत नहीं लगा। राधिका की शादी धूमधाम से हुई और उसके बाद उनका आगमन हुआ बड़ौदा के महल में।  

महल में उन्हें राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स भी दिखीं और उस वक्त उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें इन पेंटिंग्स से प्रेरणा लेकर पुरानी बुनाई की तकनीकों को दोबारा मेन स्ट्रीम में लाना चाहिए। उन्होंने कोविड लॉकडाउन के दौरान भी बुनकरों के 700 परिवारों की मदद की।  

राधिका राजे अपने काम के साथ-साथ लक्ष्मी विलास पैलेस को भी संभालती हैं।  

लक्ष्मी विलास पैलेस की खूबियां 

हाउसिंग.कॉम के मुताबिक, यह बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। तत्कालीन महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने 1878 में इसे बनवाने का आदेश दिया था और यह 1890 में बनकर तैयार हुआ था। यह इंडो सारासेनिक आर्किटेक्चर (Indo-Saracenic architecture- इस्लामिक डिजाइन, भारतीय मटेरियल और ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स द्वारा डिजाइन किया गया) में बना अनूठा महल है। उस वक्त एलिवेटर से लेकर पंखों तक इस पैलेस में हर तरह की मॉर्डन सुविधा मौजूद थी। इसमें इस्लामिक गुम्बद भी हैं और हिंदू मंदिरों की झलक भी और ब्रिटिश पद्धति को दिखाता एक क्लॉक टावर भी।  

laxmi villas palace

इस महल को बनवाने के लिए आगरा से सैंडस्टोन (बलुआ पत्थर) आया था इटैलियन शहर करारा से मार्बल। इतना ही नहीं 12 इटैलियन कारीगर यहां मोसैक की कलाकृतियां बनाने के लिए 18 महीने तक रुके थे। खासतौर पर लंदन से ग्लास मंगवाया गया था जिससे खिड़कियां बनी थीं। इसके दरबार रूम में लगे झूमर भी विदेश से मंगवाए गए थे।  

इसे डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट थे मांट (Mant) जिन्होंने इससे पहले दरभंगा, कोल्हापुर के राजमहलों सहित राजस्थान का मेयो कॉलेज और कई पब्लिक बिल्डिंग डिजाइन की थीं।  

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इस महल के अंदर एक गोल्फ कोर्स भी है और इसका एक हिस्सा पब्लिक इवेंट्स के लिए किराए पर दिया जाता है। महल का एक हिस्सा पब्लिक के लिए भी खोल दिया गया है जिसे टिकट लेकर देखा जा सकता है।  

इस महल में ना जाने कितनी अनोखी कलाकृतियां, पेंटिंग्स और नायाब आर्टिफैक्ट्स शामिल हैं। पिछले कुछ समय में राधिका राजे ने इसमें राजा रवि वर्मा की और भी ज्यादा पेंटिंग्स जोड़ी हैं।  

laxmi villas palace inside

इस घर में कुल 172 कमरे हैं और इन सभी की अपनी अलग पहचान है।  

लक्ष्मी विलास पैलेस कुल 500 एकड़ में फैला हुआ है और इस महल की बात करें, तो यह अपने जमाने में 1 लाख 80 हजार पाउंड यानी उस समय के कुछ 27 लाख रुपये में बना था। 1878 में 27 लाख रुपये का मतलब मौजूदा समय के कितने करोड़ होगा इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।  

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Image Credit: Wikipedia/ Radhika Raje instagram Account 

 

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