Kharmas Puja Vidhi 2024: क्या है खरमास? जानें इस दौरान स्नान-दान का महत्व, पूजा मंत्र और विधि

हिन्दू धर्म में खरमास को बहुत अशुभ माना जाता है। इस साल खरमास 15 मार्च, दिन शुक्रवार से शुरू हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार, सूर्य देव के धनु या मीन राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है।  

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Kharmas In March 2024: हिन्दू धर्म में खरमास को बहुत अशुभ माना जाता है। इस साल खरमास 15 मार्च, दिन शुक्रवार से शुरू हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार, सूर्य देव के धनु या मीन राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है। इस दौरान सूर्य की गई धीमी हो जाती है। साल में दो बार सूर्य दोनों राशियों में एक-एक बार गोचर करते हैं। यानी कि खरमास साल में दो बार लगता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि खरमास का धार्मिक महत्त्व क्या है।

खरमास का महत्व

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धनु और मीन राशि को बृहस्पति की राशि बताया जाता है। ऐसे में जब इन राशियों में सूर्य देव गोचर करते हैं तो सूर्य अशुभ स्थिति में चले जाते हैं। चूंकि हिन्दू धर्म में हर शुभ कम को सूर्य की उपस्थिति में करने का विधना है। ऐसे में सूर्य के कमजोर होने पर खरमास के दौरान शुभ कामों पर रोक लग जाती है।

ज्योतिष शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि सूर्य की राशि में गुरु ग्रह का गोचर और गुरु की राशि में सूर्य का परिवर्तन एक काल का निर्माण करता है जिसे गुर्वादित्य योग कहा जाता है। इस योग के बनने से नकारात्मकता का संचार होता है। इसी वजह से शुभ कम इस दौरान वर्जित माने जाते हैं।

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खरमास की पूजा विधि

खरमास को पूजा के लिए शुभ माना जाता है। जहां एक ओर इस पूरे माह में शुभ काम नहीं करने की सलाह दी जाती है वहीं, इस माह में ज्यादा से ज्यादा पूजा का महत्व माना गया है। खरमास के दौरान बृहस्पति और सूर्य की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे कुंडली में दोनों ग्रहों की स्थिति शुभ बनी रहती है।

इसके आलवा, इस माह में भागवत कथा का पाठ करना भी शुभ माना गया है। साथ ही, स्नान-दान का भी विशेष स्थान मौजूद है। खरमास के दौरान स्नान और दान करने से जीवन में खुशहाली आती है, घर म एं सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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खरमास के मंत्र

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ॐ सूर्याय नम:

ॐ घृणि सूर्याय नम:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि खरमास क्या होता है और क्या है इसका महत्व एवं कैसे की जाती है खरमास में पूजा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock, herzindagi

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