
(Kharmas 2024 date time rules and significance) पंचांग के अनुसार सूर्यदेव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है। धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्य पर रोक लगा दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूरे एक साल में दो बार खरमास लगता है। जब खरमास लगता है, तो एक मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है। अब ऐसे में इस साल खरमास कब लग रहा है, नियम और महत्व क्या है। इसके बारे में एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी से विस्तार से जानते हैं।

दिनांक 14 को सूर्य दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करने के साथ बी खरमास आरंभ होगा। इस दौरान सूर्यदेव 17 मार्च को उत्तराभाद्रपद और 31 मार्च को रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा। खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि जैसे सभी मांगलिक कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। इन दिनों में विशेष रूप से मंत्र जाप, दान और स्नान करने का विशेष विधान है। खरमास में विशेषकर भागवत कथा सुनना और पढ़ना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें - Lord Vishnu: भगवान विष्णु ने क्यों किये थे ये 8 भयंकर छल

इसे जरूर पढ़ें - Lord Sun: सूर्य का कमजोर होना लाता है घर में बीमारी, जानें इसे मजबूत करने के सरल उपाय
14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास की शुरुआत होगी जो 13 अप्रैल तक चलेगा। खरमास के दौरान भूलकर भी नई सम्पत्ति, नया वाहन, गृह प्रवेष, विवाह समेत कोई भी मंगल कार्य करने की मनाही होती है।
संस्कृत भाषा में खर गधे को कहते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य अपने वाहन घोड़ों पर दया करके उन्हें कुछ समय विश्राम देते हैं और उन्हें पानी पिलाने के लिए तालाब लेकर जाते हैं। किंतु सूर्य भगवान एक बार थम जाएं तो सृष्टि कैसे चलेगी। इसलिए वह तालाब किनारे खडे खरों यानि गधों को अपने रथ के आगे लगा दिया। चूंकि घोड़ों के मुकाबले गधों की गति काफी धीमी होती है इसलिए यदि व्यापार समेत कोई मंगल कार्य किया तो वह फलीभूत नहीं होता इसलिए खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
इन शुभ कार्यों में बच्चे का मुंडन और नामकरण, गृह प्रवेश, विवाह समारोह, नए प्रतिष्ठान का उद्घाटन को खरमास के पूर्ण होने तक टालना ही बेहतर होता है।
खरमास में मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें और इसके अलावा अगर अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- Freepik
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।