सनातन धर्म में कालभैरव बाबा को भगवान शिव का रोद्र रूप का स्वरूप माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी भी जातक के जीवन में कोई परेशानियां आ रही है, तो कालभैरव जयंती के दिन इनकी पूजा करने से लाभ हो सकता है। आपके बता दें, कालभैरव को काल और समय का स्वामी माना जाता है।
उनकी पूजा करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति को किसी बुरी नजर लगी है, तो कालभैरव बाबा की पूजा करने से व्यक्ति को लाभ हो सकता है।
अब ऐसे में आज संध्या के समय कालभैरव बाबा की पूजा किस विधि से करें। शुभ योग क्या है और कालभैरव बाबा को किन चीजों का भोग लगाने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कालभैरव बाबा की पूजा के लिए शुभ योग क्या है?
कालभैरव बाबा की पूजा करने के लिए दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन विधिवत रूप से इनकी पूजा-अर्चना करने से लाभ हो सकता है।
कालभैरव जयंती के दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और रवि योग बन रहा है। इस दिन भैरव बाबा की पूजा करने से मानसिक और शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिल सकता है।
- निशिता काल मुहूर्त - रात 11 बजकर 41 मिनट से लेकर 12 बजकर 34 मिनट तक है।
- लाभ-उन्नति मुहूर्त - रात 08 बजकर 46 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक है।
कालभैरव बाबा की पूजा किस विधि से करें?
- कालभैरव बाबा की पूजा एक विशेष प्रकार की पूजा होती है, जो विशेष रूप से उनकी शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।
- कालभैरव जयंती के दिन स्नान करें और व्रत संकल्प लें।
- कालभैरव बाबा की पूजा रात्रि में करने का विधान है और इनकी पूजा मंदिर में की जाती है। इसलिए इस दिन भैरव बाबा के मंदिर जाएं और उनकी प्रतिमा के सामने चौमुखी दीपक जलाएं।
- उसके बाद कालभैरव बाबा को फूल अर्पित करें।
- कालभैरव बाबा को उड़द, पान नारियल और जलेबी का भोग लगाएं और एक आसन पर बैठकर भैरव चालीसा का पाठ करें।
- उसके बाद कालभरैव बाबा की आरती करें और इस दिन जरूरतमंदों को कंबल का दान जरूर करें।
- कालभैरव बाबा की पूजा के बाद काले कुत्ते को रोटी जरूर खिलाएं।
इसे जरूर पढ़ें - घर में कालभैरव की पूजा क्यों नहीं कर सकते हैं?
कालभैरव बाबा की पूजा के दौरान किन मंत्रों का जाप करें?
कालभैरव बाबा की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें।
- ॐ कालभैरवाय नमः:
- ॐ भयहरणं च भैरव:
- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं:
- ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्:
- ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः:
इसे जरूर पढ़ें - वाराणसी के काल भैरव मंदिर के बारे में कितना जानती है आप, जहां प्रसाद में चढ़ती है मदिरा
कालभैरव बाबा की पूजा का महत्व क्या है?
कालभैरव का अर्थ ही भय को हरने वाला कहा जाता है। इसलिए इनकी पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु के भय से छुटकारा मिल जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को रोगदोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों