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Shani Temple: श्री राधा रानी से भूमि उधार लेकर बनवाया था शनिदेव ने अपना ये मंदिर

भारत में शनि देव के कई मंदिर हैं लेकिन आज हम आपको उनके ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बनवाने के लिए स्वयं शनिदेव को भूमि उधार लेनी पड़ गई थी।  
Editorial
Updated:- 2023-06-23, 16:48 IST

Shani Dev Ka Anokha Mandir: भारत में यूं तो शनि देव कई मंदिर मौजूद हैं लेकिन आज हम आपको एक अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह मंदिर शनि देव के अन्य मंदिरों से भिन्न है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर के लिए शनि देव को भूमि उधार लेनी पड़ी थी। 

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कहां है ये मंदिर और क्या है इस मंदिर से जुड़ी रोचक कथा। 

कहां है शनि देव का अनूठा मंदिर?

kokilavan dham at vrindavan

  • हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह मंदिर उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में स्थित है जिसका नाम कोकिलावन धाम है।
  • शनि देव और उनके गुरु बरखंडी बाबा का यह बहुत प्राचीन मंदिर (मंदिर जाने के लाभ) है जो घने जंगल में कठिन रास्ते के बीच स्थिति है। 
  • कोकिलावन धाम शनिदेव का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसे बनवाने के लिए उन्हें राधा रानी से भूमि उधार लेनी पड़ी थी।  

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क्या है इस मंदिर की पौराणिक कथा? 

  • कथा के अनुसार, श्री कृष्ण का जब जन्म हुआ था, तब सभी देवी-देवता उनके दर्शनों के लिए गोकुल आए थे। 
  • सभी देवी-देवताओं में शनिदेव भी शामिल थे लेकिन यशोदा मैय्या ने उन्हें कृष्ण दर्शन करने से रोक दिया था। 
  • यशोदा माता को यह भय था कि शनिदेव की दृष्टि से कहीं बाल कृष्ण को हानि न पहुंचे, उन्हें कुछ हो न जाए।  
  • इसी कारण से माता यशोदा ने उन्हें गोकुल से वापस लौटा दिया जिसके बाद शनिदेव बहुत उदास हो गए।
  • तब शनिदेव ने श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन करने हेतु उनकी वन में घोर तपस्या करने का निर्णय कर लिया।
  • तपस्या से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए लेकिन कोयल के रूप में ताकि शनि दृष्टि न लगे। 
  • जिस वन में श्री कृष्ण ने कोयल का रूप धरा था वह वन आज कोकिलावन के नाम से प्रसिद्ध और सिद्ध है। 

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क्यों सिद्ध है कोकिला वन धाम?

kokilavan dham in vrindavan

  • मान्यता हैं कि शनिदेव की भक्ति देख श्री कृष्ण ने उन्हें कोकिलावन धाम में साक्षात निवास का वरदान दिया।
  • श्री कृष्ण ने शनिदेव (शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है) को अपना मंदिर यहां बनाने का आदेश दिया लेकिन ब्रज में राधा रानी की इच्छा चलती है।
  • तब शनिदेव ने श्री राधा रानी से प्रार्थना कर कोकिलावन की भूमि उधार लेकर अपना मंदिर बनवाया था।  
  • मान्यता है कि कोकिलावन धाम में जाकर शनि देव की पूजा करने से शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मितली है।
  • शनिदेव के साथ-साथ श्री राधा रानी और श्री कृष्ण की असीम कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।  

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शनिदेव के इस मंदिर की कथा जानकार यकीनन आप भी इस मंदिर में अवश्य ही जाना चाहेंगे। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: wikipedia 

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