most powerful mantra of lord krishna

श्री कृष्ण का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है? 21 दिनों में दिखने लगता है असर, प्रेमानंद महाराज जी ने बताई महिमा

श्री कृष्ण के शक्तिशाली मंत्र का जाप करते समय मन में मात्र श्री कृष्ण और राधा रानी का स्मरण होना चाहिए, अन्य कुछ भी मन में नहीं आना चाहिए। शायद इसलिए ही इस मंत्र को जितना प्रभावशाली उतना ही कठिन माना जाता है। 
Editorial
Updated:- 2025-12-11, 21:45 IST

भगवान श्री कृष्ण के कई शक्तिशाली मंत्र हैं जिनके जाप से जीवन के कष्टों का निवारण हो जाता है। लेकिन एक ऐसा मंत्र है जिसे अगर निरंतर नियमों का पालन करते हुए पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ जपा जाए तो इससे 21 दिनों में आपको शुभ परिणाम मिलने लग जाते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि स्वयं प्रेमानंद महाराज जी ने कहा है। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि इस मंत्र का जाप करते समय मन में मात्र श्री कृष्ण और राधा रानी का स्मरण होना चाहिए, अन्य कुछ भी मन में नहीं आना चाहिए। शायद इसलिए ही इस मंत्र को जितना प्रभावशाली उतना ही कठिन माना जाता है। चलिए जानते हैं कि कौन सा मंत्र है ये और क्या हैं इससे मिलने वाले लाभ? 

श्री कृष्ण का शक्तिशाली मंत्र और उसके लाभ

प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, 'ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥' मंत्र श्री कृष्ण का सबसे शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भगवान श्री कृष्ण के चार प्रमुख नामों कृष्ण, वासुदेव, हरि और परमात्मा को एक साथ आह्वान करता है जिससे इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

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इस मंत्र का अर्थ है- वासुदेव के पुत्र, भगवान कृष्ण को, पापों और दुखों को हरने वाले और सर्वोच्च आत्मा को, जो शरण में आए हुए भक्तों के सभी क्लेशों का नाश करते हैं, गायों के पालक को मैं बार-बार मैं नमन करता/करती हूं। इस मंत्र को नियमित रूप से जपने से कई प्रकार के लाभ नजर आने लगते हैं।

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इस मंत्र को 21 दिनों तक लगातार जपने से मानसिक अशांति, तनाव और चिंता दूर होती है। मन में एक गहरी शांति और स्थिरता महसूस होने लगती है। यह बेचैनी और भ्रम की स्थिति को समाप्त करता है। यह मंत्र आत्मा को सीधे परमात्मा से जोड़ता है। व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाता है।

जो व्यक्ति परिवार में कलह, क्लेश या रिश्तों में तनाव का सामना कर रहा है, वह इस मंत्र के प्रभाव से अपने घर में शांति, प्रेम और सामंजस्य वापस ला सकता है। इस मंत्र को जपने के कुछ नियम या सरल विधि भी है। सुबह स्नान के बाद या शाम को गोधूलि वेला में, एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।

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तुलसी की माला से कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करें। जाप शुरू करने से पहले भगवान श्री कृष्ण से अपनी समस्या दूर करने का संकल्प लें और पूर्ण श्रद्धा रखें। ध्यान रहे कि यह मंत्र केवल एक पाठ नहीं है, बल्कि भगवान के प्रति संपूर्ण समर्पण का भाव है जो आपको दुखों से तार सकता है।

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FAQ
क्या बिस्तर पर बैठकर मंत्र का जाप कर सकते हैं? 
नहीं, बिस्तर पर बैठकर मंत्र का जाप करना वर्जित माना गया है। 
मंत्र जाप करते समय आंखें बंद रखें या खुली?
मंत्र जाप करते समय आंखें बंद रखनी चाहिए। 
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