दोस्ती एक बेहद अनमोल रिश्ता होता है। यह वह रिश्ता होता है जो हम खुद से इस धरती पर बनाते हैं। ये रिश्ते हमारे साथ हमेशा से नहीं जुड़े होते हैं। एक कहावत है कि दोस्त वह होते हैं जिससे ना कोई खून का रिश्ता है ना ही कोई सदियों का साथ होता है लेकिन वह अनजान व्यक्ति अपनों का एहसास दिलाता है । हालांकि आज के दौर में यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि कौन सच्चा दोस्त है और कौन आपके साथ फेक है? इसके बारे में जानने के लिए मैंने आर्टेमिस हॉस्पिटल्स केमानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान केप्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. राहुल चंडोक से जानकारी ली है। उनकी मदद से आज हम इस आर्टिकल में आपको वह पांच बातें बताएंगे जिससे आप पहचान सकते हैं कि आपका दोस्त सच्चा है या फेक..
इन 5 बातों से पहचानें आपका फ्रेंड सच्चा है या फेक
साथ देना
अगर आपका दोस्त कहता है कि हमेशा आपके साथ है, लेकिन जब कभी भी आपको जरूरत पड़ती है वह आपके साथ खड़ा नहीं हो पता है। आपके लिए स्टैंड नहीं ले पता है तो समझ लीजिए कि वह आपका पक्का दोस्त नहीं है। एक दो बार ऐसा होना चलता है लेकिन अगर सामने वाला व्यक्ति बार-बार आपके साथ ऐसा ही करता है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।
भरोसा
दोस्त वह होते हैं जिन पर आप आंख बंद कर भरोसा करते हैं। आप अपने जीवन से जुड़ी सारी बातें उनसे शेयर करते हैं। अगर आपका दोस्त आपकी बताई बातों को आपके खिलाफ इस्तेमाल करता है। दूसरों से आपकी बातों को शेयर कर देता है तो यह सच्चे दोस्त की निशानी बिल्कुल भी नहीं है। बेहतर होगा कि आप अपनी बातें शेयर ही न करें।
ईमानदारी
दोस्ती में ईमानदारी बहुत मायने रखती है जो आपका सच्चा दोस्त होता है वो आपसे कठिन से कठिन बातें कह देता है। सच्चा दोस्त आपकी भलाई के लिए सच्चाई को आपके सामने रख देता है, लेकिन अगर कोई आपकी गलती में भी आपको सही कह दे तो यह सच्चे दोस्त की निशानी नहीं है। इससे आपको आगे जाकर नुकसान हो सकता है, आपको खुद को सुधारने का मौका ही नहीं मिलता है।
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सफलता में खुश होना
अगर आपका दोस्त आपकी सफलता में, आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी मदद करता है, खुश होता है तो इससे अच्छा दोस्त कोई और हो ही नहीं सकता। लेकिन अगर आप कुछ अच्छा कर रहे हैं और आपका दोस्त आपकी सफलता में आपका समर्थन नहीं करता है उसके भाव भाव खराब है तो यह फेक दोस्त की निशानी है।
पारदर्शिता
हर किसी की जिंदगी में अपनी अपनी प्रायोरिटी होती है। ऐसे में जरूरी नहीं है कि आपका दोस्त हर जगह आपके साथ ही घूमने फिरने के लिए जाए,आपके दोस्त का प्लान किसी और के साथ भी हो सकता है इसमें कोई खराब बात नहीं है ,हालांकि अगर वह आपके सच्चे दोस्त होने का दावा करता है और बावजूद इसके आपको भ्रमित करके या आपसे झूठ बोलकर दूसरे लोगों के साथ कहीं है तो यह सच्चे दोस्त की निशानी नहीं है। सच्चा दोस्त वही होता है जो आपस में पारदर्शिता बनाए रखे।
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Image Credit: Freepik
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