एक टीवी सीरियल 'ना उम्र की सीमा हो' फिलहाल बहुत चर्चित हो रहा है। इस सीरियल की कहानी में हीरो की उम्र हीरोइन से लगभग दोगुनी है और ये सीरियल एज गैप के बारे में ही बात करता है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक और असल जिंदगी से लेकर किसी टीवी शो तक कपल्स के बीच के एज गैप को हम देख सकते हैं। अधिकतर लोगों का मानना होता है पति और पत्नी के बीच एज गैप ज्यादा नहीं होना चाहिए पर क्या ये वाकई सही है?
"एज इज जस्ट अ नंबर" कहावत तो बहुत प्रचलित है, लेकिन शादीशुदा रिश्ते में ये कितनी कारगर है इसे लेकर एक साइकोलॉजिकल रिसर्च में कुछ बातें सामने आई हैं।
पति और पत्नी के बीच कितना एज गैप सही है?
रिसर्च के मुताबिक पति और पत्नी के बीच 4-5 साल का एज गैप सही होता है जिसमें पत्नी की उम्र छोटी होनी चाहिए। यही स्टडी मानती है कि अगर एज गैप 8 साल से ज्यादा होता है तो लड़ाई और झगड़े जरूरत से ज्यादा होते हैं। ऐसा होने पर तलाक की गुंजाइश ज्यादा हो सकती है। जिनके बीच 10 साल से ज्यादा का एज गैप होता है उनके साथ भी बहुत सारी दिक्कतें होती हैं। ऐसे जोड़ों को ना सिर्फ आपसी सामंजस्य बनाने में दिक्कत होती है बल्कि बच्चों के साथ बॉन्डिंग में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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आखिर क्यों 4-5 साल का एज गैप समझा गया है सही?
इस रिसर्च में कुछ कारणों को भी समझाया गया है जो बताते हैं कि लड़कियों का लड़कों से 4-5 साल छोटा होना शादीशुदा जीवन के लिए अच्छा क्यों होता है।
बायोलॉजिकल कारण:
साइंस मानती है कि लड़कियों की मैच्योरिटी 10 से 14 साल के बीच आती है और लड़कों की 12 से 16 साल के बीच। लड़कियों के हार्मोनल बदलाव उन्हें लड़कों की तुलना में जल्दी परिपक्व बना देते हैं और ऐसे में एज गैप को सही माना जा सकता है।
लुक्स में बदलाव:
लड़कियों के हार्मोनल बदलाव के कारण उनके शरीर में बुढ़ापे के लक्षण जल्दी दिखने लगते हैं। ऐसे में एज गैप को जस्टिफाई किया जा सकता है।
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एज गैप सही ना होने पर आती हैं ऐसी समस्याएं
रिपोर्ट में उन समस्याओं का भी जिक्र किया गया है जो पति-पत्नी के जीवन को ज्यादा मुश्किल भरा बना सकती हैं। गौर करने वाली बात ये है कि इनमें से कुछ सही एज गैप होने से कम हो सकती हैं। जैसे....
- स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
- मैच्योरिटी लेवल और सोच से जुड़ी समस्याएं
- जिंदगी की प्रायोरिटी से जुड़ी समस्याएं
- परिवार नियोजन से जुड़ी समस्याएं
- पति या पत्नी के एनर्जी लेवल से जुड़ी समस्याएं
जिन लोगों के बीच एज गैप बहुत ही ज्यादा होता है उन्हें साइकोलॉजी के मुताबिक छोटे जाने का डर भी सताता है। अगर ऐसा कोई जोड़ा है तो उसे अपने मतभेदों को बातचीत से हल करने की कोशिश करनी चाहिए। साइकोलॉजी आम विचारधारा को दिखाती है, लेकिन किसी के बीच कितना प्यार है और उसकी जिंदगी की प्रायोरिटी क्या है वो उसे खुद ही तय करना चाहिए।
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