बॉलीवुड में किसिंग सीन्स को लेकर बहुत कुछ कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि किसिंग सीन्स बिल्कुल वैसे ही होते हैं जैसे दिखते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि किसिंग सीन्स को फिल्माने के पीछे बहुत सारे तिकड़म लगाने होते हैं। बॉलीवुड ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में किसिंग सीन्स को लेकर बहुत सारी तरकीबें लगाई जाती हैं और कई सीन्स तो असली भी नहीं होते बल्कि वो पूरी तरह से फेक होते हैं।
अगर आपको याद हो तो कुछ समय पहले काजल अग्रवाल और सूर्या का एक किसिंग सीन वायरल हो रहा था। ये सीन था फिल्म 'मातृण' का और इस फिल्म में जिस तरह से किसिंग सीन फिल्माया गया था उसका वीडियो भी आया था। ये वीडियो इतना वायरल हुआ था कि कुछ ही समय में इसके स्क्रीनशॉट्स ले लिए गए थे। वीडियो तो अब पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है, लेकिन उसके स्क्रीनशॉट्स अभी भी हैं।
किसिंग सीन्स फिल्माते समय बहुत सारी चीज़ों का ध्यान रखा जाता है और आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि फिल्मों में किसिंग सीन्स कैसे फिल्माए जाते हैं।
फेक किसिंग सीन्स - How Fake kissing Scenes Are Filmed
सबसे पहले बात करते हैं फेक किसिंग सीन्स की। इन्हें फिल्माने के लिए VFX (विजुअल रिप्रेजेंटेशन) का उपयोग किया जाता है। ये बिल्कुल वैसा होता है जिस तरह से आपको काजल अग्रवाल के किसिंग सीन का स्क्रीनशॉट दिखाया गया है। अधिकतर इस तरह के सीन्स में क्रोमा यानी पीछे ग्रीन कर्टन (पर्दा) का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के सीन्स में कोई ऑब्जेक्ट एक्टर्स के पास लाया जाता है जिसे उन लोगों को किस करना होता है।
काजल ने यहां एक गुब्बारे को किस किया था और सूर्या ने एक ग्लास पैनल को किस किया था और इस तरह से किसिंग सीन फिल्म किया गया था।
किसिंग सीन्स को फिल्म करते समय जरूरी होती है लाइटिंग - VFX for Kissing Scenes
भले ही किसिंग सीन को अंधेरे में फिल्माया जाए, लेकिन उसकी लाइटिंग कुछ इस तरह की रखी जाती है कि एक्टर्स के चेहरे पर लाइट रिफ्लेक्ट हो। इसलिए चाहे रात में किसिंग सीन हो, शाम में हो, सुबह हो, किसी खेत में हो, किसी बिल्डिंग में हो या फिर किसी शिप में हमेशा ही किसिंग सीन्स में फिल्म एक्टर्स के चेहरे चमकते हुए दिखते हैं।
इसे भी पढ़ें- एक्टिंग ही नहीं, बेहतरीन सिंगिंग भी करते हैं यह फिल्मी सितारे
विजुअल रिप्रेजेंटेशन का रखा जाता है ध्यान - VFX and Movies
किसी भी फिल्म में किसिंग सीन इस तरह से फिल्माया जाता है कि विजुअल रिप्रेजेंटेशन अपीलिंग लगे। कभी भी किसी डल जगह पर ये नहीं होता है। भले ही वो किसी भी तरह का सीन हो। आपने देखा होगा कि हिंदी फिल्मों में किसी के घर के सीन को भी दिखाया गया हो तो भी यहां पर एस्थेटिक भी उसी तरह के होंगे। गिरे हुए गिलास से लेकर कमरे में बिखरे हुए सामान तक सभी कुछ ऐसे ही सेट होता है। इसलिए हमेशा हर तरह के किसिंग सीन में विजुअल रिप्रेजेंटेशन का ध्यान रखा जाता है।
यही कारण है कि जिस भी फिल्म में ये सीन होता है उस फिल्म की कहानी को ध्यान में रखकर ही इसे डिजाइन किया जाता है। आपको शायद याद हो जब मल्लिका शेरावत की फिल्म 'ख्वाहिश' आई थी जिसमें उन्होंने 17 किसिंग सीन्स दिए थे तब फिल्म की कहानी और सीन्स की जरूरत को लेकर कितनी बातें उठी थीं। दुनिया भर में किसिंग सीन्स को लेकर कुछ ऐसी ही चर्चा रहती है और इसे फिल्माने वाले भी जानते हैं कि कितने किसिंग सीन्स नकली होते हैं।
जिस भी एक्टर को किसिंग सीन करने में दिक्कत नहीं होती है वो इन्हें नेचुरली करता है, लेकिन अगर किसी को इससे परेशानी है तो VFX का इस्तेमाल किया जाता है।
तो बॉलीवुड के किसिंग सीन्स को लेकर आपकी क्या राय है? अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Recommended Video
Image Credit: Titanic Movie/ Bollywoodlife
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों