साइनोफोबिया (Cynophobia) के बारे में आप क्या जानते हैं? यह शब्द शायद आपके जेहन में आया भी ना हो, लेकिन यह बहुत कॉमन है। इसका मतलब है कुत्तों से डर। भले ही इसके बारे में आपको ना पता हो, लेकिन आपको ऐसे लोगों के बारे में जरूर पता होगा जिन्हें कुत्तों से बहुत ज्यादा डर लगता है। भले ही कुत्ता सामने बैठा पूंछ हिला रहा हो, लेकिन उन्हें इतना डर लगता है कि वो भागकर दूर खड़े हो जाएं।
हममें से अधिकतर लोग ऐसे किसी ना किसी इंसान को जरूर जानते होंगे। साइनोफोबिया एक वैलिड डर है और इसके लिए किसी का मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए। तो चलिए आज आपको बताते हैं साइनोफोबिया के बारे में और इससे बचने के लिए क्या स्टेप्स लिए जा सकते हैं।
कहां से आया शब्द साइनोफोबिया?
सीनो शब्द Cyno से लिया गया है। ये एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होता है कुत्ता। फोबिया का अर्थ तो आपको पता ही है। फोबिया यानी किसी चीज का बहुत ज्यादा डर। साइकोलॉजी मानती है कि अधिकतर लोग इस तरह का डर महसूस सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उनका पुराना कोई एक्सपीरियंस सही नहीं रहा है। हां, कुछ लोगों को बिना किसी एक्सपीरियंस के भी इस तरह का डर महसूस होने लगता है।
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सबसे पहले अपने डर को पहचानें
अगर आप कुत्ते से डरते हैं, तो ये पहचानें कि आखिर ये डर किस वजह से है? क्या किसी खास परिस्थिति में ही डर लगता है या फिर यह कॉमन डर है जो हर वक्त सताता है। अगर हम अपने डर का कारण पता कर लेते हैं, तो उस पर काबू पाना हमारे लिए ज्यादा आसान हो जाता है।
किस तरह से पाएं इस डर पर काबू?
आपको धीरे-धीरे कोशिश करनी होगी। ऐसा नहीं है कि किसी भी स्टेप से जादू हो जाएगा और आप एकदम से डॉग्स को प्यार करने लगेंगे।
सबसे पहले समझें बॉडी लैंग्वेज
डॉग्स हमेशा नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन का सहारा लेते हैं। वो अगर जीभ से खाना खाने वाली जगह को लिक कर रहे हैं, तो इसका मतलब वो भूखे हैं और उनके पास खाना-पीना नहीं है। अगर वो खुश हैं, तो वो राउंड्स करेंगे और हो सकता है कि आपके पास आकर आपको ग्रीट करने की कोशिश करें, अगर वो खेलने के मूड में हैं, तो अपने सिर से आपको मारेंगे। अगर वो सही फील नहीं कर रहे हैं, तो वो आपसे आई कॉन्टैक्ट नहीं रखेंगे। ऐसी चीजों का ध्यान दें और समझें कि हमेशा डॉग अटैक मोड में नहीं रहता है। इससे आपका डर कुछ हद तक कम होगा।
अपनी बॉडी लैंग्वेज का भी रखें ख्याल
आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज का ख्याल भी रखना है। यह जरूरी है कि आप भी डॉग को इंटिमिडेट ना करें। अगर डॉग आपके करीब आ रहा है और आपको डर लग रहा है, तो भी आप सीधे खड़े रहें, रिलैक्स फील करें। ऐसा करने से डॉग आपसे डरेगा नहीं। अपनी आंखें कुत्ते पर रखें, लेकिन कुत्ते को सीधे घूरें नहीं। अगर आप सीधे आई कॉन्टैक्ट करके उनकी तरफ जाने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें लगेगा कि आप अटैक कर रहे हैं।
कुत्ते को देखकर एकदम से भागने की कोशिश ना करें, ऐसा करने पर कुत्ते के दौड़ाने की गुंजाइश ज्यादा रह सकती है। डॉग्स के सामने रिलैक्स रहना सबसे अच्छा ऑप्शन होगा।
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छोटे पपीज के साथ समय बिताएं
सीधे बड़े कुत्तों से बॉन्डिंग की कोशिश ना करें। छोटे पपीज के साथ समय बिताने से आप डॉग्स के साथ थोड़ा कंफर्टेबल महसूस करेंगे। छोटे पपीज से भी डर लगता है, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें। पहले पपी को कोई ट्रीट दें, उसे खुद पास आने दें। उसके साथ समय बिताएं। ऐसा रेगुलर करने पर धीरे-धीरे आपका डर खत्म होगा।
प्रोफेशनल हेल्प लें
अगर आपका डर किसी भी तरह से खत्म नहीं हो रहा है, आपको इतना डर लगता है कि डॉग दिखते ही घबराहट होने लगती है, तो बेहतर होगा कि आप प्रोफेशनल हेल्प लें। कुछ मामलों में साइनोफोबिया बहुत ज्यादा बढ़ सकता है और इसलिए यह जरूरी है कि आप इसे समय रहते ट्रीट करवा लें।
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