How to grow tulsi plant| घर में शमी, तुलसी या ऐसा ही कोई धार्मिक पौधा लगा होता है, तो उसकी पूजा भी की जाती है और रोजाना उसमें जल भी चढ़ाया जाता है। पर फिर भी कई बार हमारी कुछ गलतियों की वजह से वो सूखने लगता है। इसे ना तो घर वालों के लिए शुभ माना जाता है और ना ही यह गार्डनिंग पसंद करने वाले लोगों के लिए अच्छा होता है। सबसे पहली बात तो यह है कि पौधा चाहे जो भी हो आपको उसकी मेंटेनेंस का ध्यान रखना जरूरी है।
पौधा चाहे शमी का हो या फिर तुलसी का उसे सांस लेने के लिए जगह चाहिए होती है। कई बार पौधा सिर्फ इसलिए सूखने लगता है क्योंकि उसे गलत गमले में लगाया जाता है। अगर बात सिर्फ तुलसी के पौधे की करें, तो कुछ ऐसी चीजें जरूर होती हैं जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए।
तुलसी का पौधा अगर आप गार्डन में लगा रही हैं, तो ध्यान रखें कि इसे कभी भी प्लास्टिक के गमले में ना लगाएं। प्लास्टिक के गमले गर्मियों में पिघलने लगते हैं और इससे मिट्टी के पोषक तत्व खत्म होते हैं। इसके साथ ही, प्लास्टिक के गमलों में कई सारे टॉक्सिन्स होते हैं जिनके कारण यह तुलसी के पौधे का विकास ठीक से नहीं होने देते हैं। इसलिए आपने देखा होगा कि प्लास्टिक के गमले में लगे तुलसी के पौधे अधिकतर एक लिमिट के बाद नहीं बढ़ते।
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प्लास्टिक के गमलों में अगर पौधा लगा है, तो मिट्टी को ज्यादा खाद-पानी की जरूरत भी होगी। अगर आपके पास प्लास्टिक के गमले के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं है, तो आप समय-समय पर मिट्टी को बदलती रहें। इस तरह से पौधे के बढ़ने की थोड़ी गुंजाइश बनी रहेगी। इसी के साथ, ध्यान रखें कि प्लास्टिक के गमले को कभी बहुत ज्यादा धूप में ना रखें। ऐसा करने से गमले के पिघलने और पौधे के झुलसने का डर होता है। प्लास्टिक के गमलों में मिट्टी का तापमान भी बढ़ जाता है इसलिए इन्हें दोपहर की तेज धूप से बचाना होता है।
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अब आपको कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिनके कारण आपका तुलसी का पौधा पनपता नहीं है। यह बहुत ही आम गलतियां हैं जिन्हें दोहराना नहीं चाहिए।
तुलसी के पौधे की जड़ों में सिंदूर लगाने से बचें
पूजा करते समय तुलसी की जड़ों में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए। इससे मिट्टी भी दूषित होती है और पौधे के सूखने की गुंजाइश बनी रहती है। इसकी जगह आप उसकी स्टेम में थोड़ा सा सिंदूर लगा सकती हैं। मिट्टी में पूजा-पाठ की कोई सामग्री फेंकने से या फिर अगरबत्ती जलाने से भी बचना चाहिए। यह पौधे की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
बहुत ज्यादा खाद और पानी देने से हमेशा बचें
तुलसी के पौधे को भी पनपने के लिए खाद और पानी की जरूरत है, लेकिन जरूरत से ज्यादा खाद देने से पौधे की जड़ें गल जाती हैं। इस पौधे को आप महीने में एक बार से ज्यादा खाद देने की कोशिश ना करें। खाद देने का तरीका भी सही होना चाहिए। आपको पौधे के आस-पास की मिट्टी की ऊपरी सतह को थोड़ा सा खोदना है। ध्यान रखना है कि जड़ों को कोई नुकसान ना हो। इसके बाद इसमें खाद डालनी है और अच्छे से इसे गार्डन की मिट्टी से कवर कर देना है। इसके बाद आपको पौधा पूरा पानी से भर देना है और फिर मिट्टी जब तक नम रहे, तब तक पानी नहीं देना है।
तुलसी के पौधे के आस-पास खरपतवार की सफाई जरूर करें
तुलसी की पूजा करते समय हम कई बार पूजा वाला जल उसकी जड़ों में चढ़ा देते हैं। इस जल में मौजूद पूजा सामग्री खरपतवार की ग्रोथ को बढ़ा सकती है। यह इसपर निर्भर करता है कि उस जल में कितनी मात्रा में सिंदूर, फूल और चावल जैसी सामग्री मिली हुई है। ऐसे में आपको इसकी जड़ों के पास से खरपतवार की सफाई हमेशा करनी होगी। तुलसी के पौधे का गमला जितना साफ रहेगा आपके लिए उतना अच्छा होगा।
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तुलसी का पौधा सबसे अच्छी तरह से मिट्टी के गमले में फलता फूलता है। हां, कुछ लोग सीमेंट के गमले में भी इसे लगाते हैं और उसमें भी अगर ड्रेनेज का अच्छा ऑप्शन हो, तो यह पौधा सही से फलेगा-फूलेगा।
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