हिंदू धर्म के अनुसार होली का त्योहार अत्यधिक विशेष महत्व रखता है। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक का समय शुरू होता है, जिसमें शुभ कार्यों की मनाही होती है और पूजा-पाठ करने पर जोर दिया जाता है। यह आठ दिन समाप्त होते ही होलिका दहन की रस्म शुरू होती है, जो होली के एक दिन पहले मनाई जाती है। मान्यता है कि होलिका दहन के साथ बुराइयों का नाश होता है और अच्छाई की जीत होती है।
यह परंपरा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि यानी पूर्ण चंद्रमा की रात को मनाई जाती है, जो अपने आप में विशेष महत्व रखती है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च को मनाया जा रहा है। इस दिन कुछ खास कामों से बचना चाहिए, क्योंकि इनसे न केवल धन और धान्य की हानि हो सकती है, बल्कि घर में रोग भी आ सकते हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस दिन किन कार्यों से पूरी तरह बचना चाहिए।
होलिका दहन पर होलिका माता की पूजा की जाती है और घर में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। इस दिन मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है, क्योंकि इससे धन हानि और रोग हो सकते हैं। इस दिन तामसिक भोजन से पूरी तरह बचना चाहिए।
होलिका दहन के दिन पैसे उधार देने और लेने से बचना चाहिए, क्योंकि ज्योतिष के अनुसार, इससे धन हानि होती है। इस दिन पैसे का लेन-देन करने से बचना चाहिए।
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होलिका दहन के दिन बुजुर्गों का अपमान करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे भगवान नाराज होते हैं और घर में रोग और दोष आ सकते हैं। इस दिन बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना अत्यंत फलदायी होता है।
होलिका दहन के दिन दूसरों के घर में भोजन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रोग-दोष आते हैं। इस दिन अपने घर में शुद्ध भोजन बनाकर पूरे परिवार के साथ ग्रहण करें और ईश्वर को भोग अर्पित करें।
होलिका दहन के दिन नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं छोड़ने चाहिए। पूजा के समय बाल खुले रखने से नकारात्मक शक्तियों का वास घर में हो सकता है।
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होलिका दहन के दिन गर्भवती महिलाओं को होलिका की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए अग्नि की परिक्रमा लेना वर्जित माना जाता है।
मान्यता अनुसार, नवविवाहित स्त्रियों को शादी के बाद पहली होली अपने मायके में ही मनानी चाहिए। अगर किसी कारणवश ससुराल में हो, तो होलिका की अग्नि देखना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि इससे मायके और ससुराल दोनों में दरिद्रता आ सकती है।
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होली एक-दूसरे को गले लगाने और खुशी मनाने का त्योहार है, इसलिए इस दिन लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। होलिका दहन के दिन पति-पत्नी को भी आपसी कलह से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पूरे साल लड़ाई और अशांति बनी रहती है।
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