खुद से प्यार करना यकीनन बेहद जरूरी है, क्योंकि जब आप खुद से प्यार करती हैं और खुद को पसंद करती हैं तो इससे आपके भीतर एक सकारात्मकता का संचार होता है और यह सकारात्मकता सिर्फ आप तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि आपके आसपास के लोगों तक भी यह सकारात्मकता पहुंचती है। लेकिन, खुद को प्यार करना और सिर्फ खुद में ही खोए रहने में बेहद फर्क होता है। वैसे तो महिलाएं अक्सर अपनी तारीफ करती हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आपको अपने आगे दूसरों को कुछ नहीं समझतीं या सिर्फ अपने ही ख्यालों में खोई रहती हैं तो यह रवैया आपके व्यक्तित्व के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
इस तरह के विचार बताते हैं कि आप पूरी तरह आत्ममुग्ध हैं या फिर इसे नार्सिसिज्म भी कहा जा सकता है। आपको सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन आत्म-मुग्धता वास्तव में एक मायाजाल के समान है। अगर आप इस मायाजाल से बाहर नहीं निकलतीं तो इससे आपके रिश्तों से लेकर करियर तक सबकुछ प्रभावित होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि खुद को परफेक्ट समझने की भूल या आत्म-मुग्धता आपके जीवन को किस तरह प्रभावित कर सकती हैं-
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नहीं होता सेल्फ-इंप्रूवमेंट
अगर आप नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी की महिला हैं तो इसका अर्थ है कि आप खुद को ही सर्वश्रेष्ठ समझती हैं। इस तरह ही सोच आपको खुद को बेहतर बनाने की राह में बाधा उत्पन्न करती है। दरअसल, जब आप खुद को ही सबसे अच्छा समझती हैं तो आप कभी भी खुद के विकास या फिर अधिक ज्ञान प्राप्त करके खुद को बेहतर बनाने के बारे में नहीं सोचती। इस तरह, आप एक जड़ के समान हो जाती हैं। ना ही आप किसी की अच्छी बातों को सुनती हैं या फिर उसे ग्रहण करने की कोशिश करती हैं।ये काम करके आप कर सकते हैं अपने फ्री टाइम का सही सदुपयोग
रिश्तों में दरार
आत्ममुग्धता आपके रिश्तों पर भी विपरीत प्रभाव डालती हैं। फिर चाहे बात आपके पार्टनर की हो या माता-पिता या फिर पड़ोसियों की। ऐसी महिलाओं के संबंध किसी से भी अच्छे नहीं होते। सबसे पहले तो वह हमेशा ही अपनी तारीफ करती हैं, जिससे सामने वाला व्यक्ति असहज हो जाता है। इतना ही नहीं, ऐसी महिलाओं में कुछ हद तक अहंकार भी होता है, जिसके कारण वह अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझतीं और इसलिए इनका रूखा व्यवहार रिश्तों में दरार पैदा करता है।
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करियर की सफलता में स्टॉप
आप चाहें किसी भी क्षेत्र से जुड़ी हों, सफल होने के लिए जरूरी है कि आप बदलते समय के साथ खुद को बदलें और अपनी कमियों को स्वीकार करके खुद को पहले से अधिक स्किल्ड बनाने की कोशिश करें। लेकिन आत्ममुग्ध महिलाओं को ऐसा लगता है कि वह स्वयं में परफेक्ट हैं और इसलिए उन्हें कुछ भी नया सीखने या खुद में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। इस तरह की सोच उनके करियर की सफलता में स्टॉप लगा देती है।वर्क स्ट्रेस की वजह से कहीं आप डिप्रेशन की शिकार तो नहीं हो रहीं, इन 5 संकेतों से पहचानिए
याद रखें कि दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता और आपमें भी यकीनन खुद को बेहतर बनाने की संभावनाएं मौजूद हैं। बस जरूरत है कि आप आत्म-मुग्धता के आईने से बाहर देखें। यकीनन आपको अपने भीतर ऐसा बहुत कुछ दिखेगा, जिसमें आप सुधार करके खुद को बेहतर इंसान बना सकती हैं। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिन्दगी से।
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