केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में बजट पेश करेंगी। जैसे-जैसे 1 फरवरी की तारीख पास आती जा रही है, वैसे-वैसे सड़क से लेकर संसद तक, बजट को लेकर लोगों ने चर्चा शुरू कर दी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बजट का असर देश के हर नागरिक पर पड़ता है। बजट में केवल टैक्स ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिक नीतियों पर भी गंभीर चर्चा होती है। लेकिन, आज हम यहां बजट 2025 में क्या पेश किया जाएगा और किस नीति में बदलाव होगा इस पर नहीं, बल्कि बजट से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में बात करने जा रहे हैं।
केंद्रीय बजट का जब भी नाम आता है, तो हलवा सेरेमनी और वित्त मंत्री का लाल बैग या फाइल का जिक्र सबसे पहले जुबां पर आता है। लेकिन, इसी तरह के बजट से जुड़े कई दिलचस्प फैक्ट्स हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है।
केंद्रीय बजट से जुड़े 5 दिलचस्प फैक्ट्स
हलवा सेरेमनी
भारत में किसी भी जरूरी और अच्छे काम की शुरुआत मीठे से की जाती है। इसी परंपरा को केंद्रीय बजट से पहले भी निभाया जाता है। जी हां, हर साल बजट से पहले हलवा सेरेमनी आयोजित की जाती है। इस सेरेमनी में वित्त मंत्रालय में ही हलवा तैयार किया जाता है और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को खिलाया जाता है। हलवा सेरेमनी की यह परंपरा देश की आजादी के बाद शुरू की गई थी और आज तक से निभाया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: बजट 2025 आने से पहले, आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले Budget Terms को जान लीजिए
भारत का पहला बजट
कई लोगों को लगता है कि देश का पहला बजट आजादी के बाद पेश किया गया था। लेकिन, ऐसा नहीं है। जी हां, भारत का पहला बजट साल 1860 में फाइनेंस मिनिस्टर जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत पेश किया था। इस बजट का उद्देश्य था कि किस तरह से ब्रिटिश सरकार के राज्य कोश को बढ़ाया जा सकता है। वहीं, देश की आजादी के बाद भारत का पहला बजट साल 1947 में पेश किया गया था। यह अंतरिम बजट था, जिसे आरके शनमुखम शेट्टी ने पेश किया था।
प्रधानमंत्री ने पेश किया बजट
आज केंद्रीय बजट फाइनेंस मिनिस्टर यानी वित्त मंत्री पेश करते हैं। लेकिन, एक समय था जब प्रधानमंत्री ने भी संसद में बजट पेश करने की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, प्रधानमंत्री ने बहुत सारे रेजिग्नेशन के बीच बजट पेश किया था। साल 1958 में जवाहर लाल नेहरू, साल 1970 में इंदिरा गांधी और 1987-88 में राजीव गांधी ने बजट पेश किया था।
देश में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के नाम है, उन्होंने तकरीबन 10 बार बजट पेश किया है। बता दें, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल आठवीं बार बजट पेश करेंगी।
इसे भी पढ़ें: क्या होता है बजट से पहले संसद में पेश होने वाला इकोनॉमिक सर्वे, आसान भाषा में समझिए
बजट में लाल बैग
बजट में लाल रंग के ब्रीफकेस या फाइल का कनेक्शन अंग्रेजों से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि साल 1860 में पहली बार ब्रिटिश सरकार का जब बजट पेश किया गया था, तब लाल चमड़े के बैग का इस्तेमाल किया गया था। आज के समय में लाल रंग का इस्तेमाल करने के पीछे यह वजह मानी जाती है कि बजट में अहम घोषणाएं होती हैं, इसलिए इससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स को रखने वाला बैग या फाइल भी खास होते हैं। यही वजह है कि इसे ऐसे रंग के बैग या फाइल में रखा जाता है, जो देखने में ही अट्रैक्टिव लगे।
बजट शब्द
बजट शब्द को लेकर कई बार सवाल उठता है कि यह कहां से आया है। ऐसा माना जाता है कि यह फ्रेंच शब्द Bougette से आया है जिसका मतलब छोटा थैला या थैली होती है। हालांकि, हमारे देश में इसे वित्तीय लेखा-जोखा से जोड़कर देखा जाता है।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik and Herzindagi.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों