हिंदू धर्म में कई रत्न आभूषणों को महत्व दिया गया है। इनमें से एक महादेव शिव शंकर का अति प्रिय कहा जाने वाला रुद्राक्ष भी है। यह रुद्राक्ष कई तरह के आते हैं और सभी के अलग तरह के प्रभाव होते हैं।
आज हम जिस रुद्राक्ष के बारे में बात करेंगे उसका नाम गौरी शंकर रुद्राक्ष है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से वैवाहिक लोगों के लिए लाभकारी होता है। इस विषय में हमने पंडित विनोद सोनी जी से बात की है। वह कहते हैं, 'माता पार्वती और भगवान शिव का प्रतीक माने जानें वाले गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से वैवाहिक जीवन सफल होता है और जो भी मुश्किलें या बाधाएं आ रही हैं वह भी कम हो जाती हैं।'
पंडित जी आगे बताते हैं, 'यह रुद्राक्ष पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है और जीवन में शांति लाता है। इसे शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, इसे धारण करने से जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी लाभ पहुंचता है।'
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गौरी शंकर रुद्राक्ष के लाभ
- अगर आप विवाहित हैं तो गृहस्थ सुख के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष आप धारण कर सकते हैं, यह अति शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतीक है और इससे एक सुखी गृहस्थ जीवन बिताने का अवसर प्राप्त होता है।
- यह रुद्राक्ष वह लोग भी धारण कर सकते हैं, जिनके विवाह में देरी हो रही है। यदि आप यह रुद्राक्ष पहनते हैं तो विवाह में आ रही अड़चन दूर हो जाती है।
- जो स्त्रियां गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं और उन्हें इसमें कोई समस्या आ रही है, वे भी इस रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं।
- किसी भी तरह की पारिवारिक समस्या है और आप उसे दूर करना चाहते हैं तो आप इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।
- अगर आपको आर्थिक समस्या सता रही है, तो आप अपनी तिजोरी में इस रुद्राक्ष को रख लें। आपको बता दें कि यही वो रुद्राक्ष है, जो भगवान कृष्ण भी अपने हाथों में बांधते थे और उन्होंने यही रुद्राक्ष श्री राधा जी को भेंट किया था।
- अगर आपको रात में सोते वक्त बुरे सपने आते हैं तो गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से वह भी दूर हो जाते हैं।

गौरी शंकर रुद्राक्ष क्यों और कैसे धारण करें
- जब भी आप इस रुद्राक्ष को धारण कर रहे हों तब आप गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें।
- इस रुद्राक्ष को चांदी के लॉकेट में या फिर चांदी की चेन में बांधकर आप धारण कर सकती हैं।
- गौरीशंकर रुद्राक्ष को रविवार, सोमवार या शिवरात्रि के दिन ही पहनना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन भी आप इस रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं।
- गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व आपको “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 1100 बार जाप भी करना चाहिए।
- अगर आप इसे धारण नहीं कर रहे और तिजोरी के अंदर रख रहे हैं, तो आपको चांदी की कटोरी में ही इसे रखना चाहिए।
- आपको इसे धारण करने से पूर्व गंगाजल या फिर दूध से धो भी लेना चाहिए।
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