kashi mahima katha

इस कथा के बिना अधूरा है शिव पूजन, रोजाना सुनने भर से दूर होती हैं परेशानियां

शिव जी की पूजा के समय अगर उनकी सबसे प्रिय कथा सुनी या पढ़ी जाए तो इससे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं और वह कथा कोई और नहीं बल्कि काशी महिमा कथा है। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से। 
Editorial
Updated:- 2025-11-27, 17:58 IST

भगवान शिव की पूजा के दौरान कई प्रकार की अलग-अलग कथाएं पढ़ने या सुनने का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यता है कि शिव जी की पूजा के दौरान उनकी लीलाओं या फिर उनके भक्तों से जुड़ी कथा का अध्ययन करने से जीवन में सुख-शांति आती है और पूजा का दोगुना फल मिलता है। इसी कड़ी में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि शिव जी की पूजा के समय अगर उनकी सबसे प्रिय कथा सुनी या पढ़ी जाए तो इससे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं और वह कथा कोई और नहीं बल्कि काशी महिमा कथा है। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

शिव पूजन के समय काशी महिमा कथा पढ़ने के लाभ

काशी को 'मोक्षदायिनी नगरी' कहा जाता है जिसका अर्थ है मोक्ष देने वाली नगरी। कथा का सार यही है कि काशी में देह त्यागने पर स्वयं भगवान शिव व्यक्ति को तारक मंत्र देकर मुक्ति प्रदान करते हैं।

kashi mahima katha ke bare mein

शिव पूजन के समय काशी महिमा की कथा पढ़ने से भक्त को उसी काशी नगरी में निवास करने या मरने के समान पुण्य प्राप्त होता है। यह कथा जीवन के अंतिम लक्ष्य, यानी जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी जाती है।

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धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं। जब भक्त शिव पूजन के समय काशी की कथा पढ़ता है तो वह मानसिक रूप से उस पवित्र भूमि से जुड़ जाता है।

इस श्रद्धा और भक्ति के कारण उसके ज्ञात-अज्ञात पापों का शमन होता है। साथ ही, कथा के श्रवण से जीवन में आने वाली हर तरह की बाधाएं, रोग और कष्ट दूर होते हैं और एक शांत तथा सुखी जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है।

kashi mahima katha ke labh

काशी स्वयं भगवान शिव का त्रिशूल पर बसाया हुआ नगर है, इसलिए यह उन्हें अत्यंत प्रिय है। शिव पूजन में काशी महिमा की कथा पढ़ने से महादेव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। उनकी प्रसन्नता से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है।

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यह कथा भक्त को सीधे शिव के हृदय से जोड़ती है और उसे उनकी असीम दया और करुणा का पात्र बनाती है। यह कथा पढ़ने वाले को संसार की माया-मोह से ऊपर उठकर एक सकारात्मक और आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा भी देती है।

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FAQ
शिव जी की पूजा में कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?
शिव जी की पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है।
शिव जी की पूजा में कौन से रंग का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा शुभ होता है?
शिव जी का प्रिय रंग सफेद है और उसी का इस्तेमाल पूजा का करना अच्छा माना जाता है।
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