हिन्दू धर्म में गणेशोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसकाआरंभ गणेश चतुर्थी के दिन से होता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन गणपति भगवान का जन्म हुआ था।
भगवान गणेश के जन्मोत्सव को पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। सनातन धर्म में गणपति को प्रथम पूजनीय माना जाता है और उनकी पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है। गणेशोत्सव का समापन गणपति विसर्जन से होता है।
लोग पूरे 10 दिनों तक गणपति का पूजन भक्ति भाव से करते हैं और उन्हें ग्यारहवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित कर देते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि गणपति जी का विसर्जन सही विधि से किया जाता है तो घर में पूरे साल समृद्धि बनी रहती है।
इस साल गणपतिविसर्जन की तिथि 28 सितंबर है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें किस प्रकार गणपति विसर्जन और पूजन करना आपके लिए फलदायी होगा।
गणपति विसर्जन पूजा विधि (Ganpati Visarjan Puja Vidhi 2023)
- जब आप गणपति जी का विसर्जन करने जा रहे हैं तो सबसे पहले गणपति जी के लिए लकड़ी का आसन बनाएं।
- इसमें स्वस्तिक बनाएं और उसपर गंगाजल डालें।
- इस आसन में पीला कपड़ा बिछाकर गणपति जी की प्रतिमा रखें।
- लकड़ी के आसन पर अक्षत डालें और गणेश जी की प्रतिमा पर फूल, फल और मोदक चढ़ाएं।
- गणपति विसर्जन से पहले उनकी प्रतिमा की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए और अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करनी चाहिए।
- गणपति को नए वस्त्रों से सुसज्जित करें और उनके मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं।
- घर के सभी सदस्य एक साथ मिलकर बप्पा की आरती करें और गणपति बप्पा मोरिया रे का जयकारा लगाएं।
- गणपति प्रतिमा को सम्मानपूर्वक विसर्जन के लिए ले जाएं और जल में प्रवाहित करें।
- बप्पा से क्षमा मांगते हुए पूरे साल घर में कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें।
क्यों किया जाता है गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार सभी देवी देवताओं को घर में विराजने का आमंत्रण दिया जाता है और उन्हें कुछ विशेष मंत्रों से घर में रोका जाता है। देवी और देवताओं को प्रसन्न करने हेतु मंत्र उच्चारण बहुत मायने रखता है।
ऐसी मान्यता है कि देवतागण स्वर्ग लोक में विराजते हैं और जब गणपति जी को घर में स्थापित किया जाता है (गणपति स्थापना के लिए वास्तु टिप्स) तब उन्हें भी मंत्रों के द्वारा कुछ दिनों के लिए घर में रुकने का आह्वान किया जाता है।
इन 11 दिनों में गणपति पृथ्वी लोक में विराजमान होते हैं और ऐसी मान्यता है कि विसर्जन इसलिए करते हैं जिससे गणपति पुनः अपने स्थान पर लौट जाएं। इस उम्मीद के साथ गणपति की विदाई की जाती है कि अगले साल वो पुनः घर में विराजमान होंगे और भक्तों पर कृपा बरसाएंगे।
गणपति विसर्जन के समय इन बातों का रखें ध्यान
- गणपति विसर्जन के समय आपको ध्यान में रखना हैकि बप्पा की प्रतिमा को नए वस्त्रों से सुसज्जित करें।
- भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और मंत्रों का जाप करें।
- यदि घर में गणपति की स्थापना की है तो आपको भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- विसर्जन से पहले गणपति को मोदक का भोग लगाएं और फल, फूल अर्पित करें।
- पूजन के बाद गणपति को हाथ जोड़कर क्षमा-याचना करें।
- बप्पा की मूर्ति को धूमधाम से नाचते-गाते हुए विसर्जित करें।
यदि आप यहां बताए तरीके से गणपति का पूजन और विसर्जन करते हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com
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