गणेश चतुर्थी आते ही माहौल एकदम खुशनुमा हो जाता है। भगवान गणेश के आगमन की तैयारियों में देश भर में तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं। महाराष्ट्र जैसे राज्य में तो बप्पा के आने की खुशी अलग ही स्तर पर होती है।
इस साल 31 अगस्त 2022 से गणेश उत्सव शुरू होगा जिसके बाद 11वें दिन में उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है। गणपति बप्पा को घर लाने से लेकर उन्हें विदा करने तक भक्तजन व्रत, प्रार्थना, भजन-कीर्तन आदि करते रहते हैं।
ऐसे में बप्पा के साथ कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है। कुछ ऐसी बातें आपको भी ध्यान रखनी चाहिए।
बिल्कुल न करें ये काम-
- गणपति बप्पा को पहले दिन जब घर लाया जाता है तो हमेशा लाल रंग के कपड़े से उन्हें ढककर लाएं। इसके साथ ही बप्पा को ऐसे पकड़ें कि उनका चेहरा आपके घर की तरफ हो। जब आप उन्हें विसर्जन के लिए ले जा रहे हैं तब भी उनकी चेहरा आपके घर की तरफ होना चाहिए। इसके बाद पहले उनकी पूजा-अर्चना करें। भोग लगाएं और सही मुहुर्त पर ही भगवान को लेकर जाएं।
- भगवान गणेश को स्थापित और विसर्जित करने के समय अपना मुख्य द्वार बंद नहीं करना चाहिए। विसर्जन के दिन एक व्यक्ति घर पर जरूर रहना चाहिए।
- अगर आपने भगवान गणेश को घर पर में स्थापित न किया हो तो आप पास के गणेशजी के मंदिर जाकर गुड़ वाले मोदक (मोदक बनाने के ट्रिक्स) और नारियल जरूर चढ़ाना चाहिए।
- गणपति उत्सव के दौरान आपको, मांस-मछली या अल्कोहल का सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए।
- घर पर इन 10-11 दिन में ऐसा कुछ न बनाएं जिसमें प्याज और लहसुन हो। प्याज और लहसुन को ऐसे में अच्छा नहीं माना जाता है और इससे आपकी अर्चना में बाधा आ सकती है।
क्या काम करना माना जाता है शुभ-
- वैसे तो यह उत्सव 11 दिनों का होता है, लेकिन कुछ भक्त बप्पा को 1.5 दि से लेकर 7 और 11वें दिन में भी विदा करते हैं। बप्पा को 1.5 दिन से पहले विदा नहीं किया जाता है।
- बप्पा को मोदक अति प्रिय हैं, इसलिए इन दिनों मोदक आपको प्रसाद में बनाकर उन्हें जरूर भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही दुर्वा घास भी उन्हें अर्पित करनी चाहिए।
- बप्पा का आना किसी अतिथि के घर आने जैसा होता है। जब आप बप्पा को स्थापित करें तो उनके लिए पहले लाल या पीले रंग की चुनरी बिछाएं। गंगाजल से उनकी जगह को पवित्र करें और भगवान को स्थापित करने के बाद, उनकी सेवा ठीक ढंग से करें। ऐसा करने से बप्पा खुश होंगे और आपको मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
- गणपति बप्पा को हमेशा मिट्टी की सामग्री से बनाया जाता है और उन्हें बनाया भी उसी से जाना चाहिए। पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि गणपति की उत्पत्ति मां पार्वती के मैल से हुई थी। इसलिए पूजा के लिए मिट्टी से बनी गणेश मूर्ति का उपयोग करना उचित माना जाता है।
- गणपति को विसर्जित करने के लिए यदि आपके आसपास किसी तरह का तालाब या बहती हुई नदी न हो, तो आप उन्हें घर में बाल्टी में साफ पानी रखकर उसमें विसर्जित कर सकते हैं। इसके बाद उस पानी को अपने पौधों में डालें।
अब अगर आपने भी बप्पा को घर लाने की तैयारी की है तो इन बातों का खास ख्याल रखें। इसके अलावा किसी जानकार पंडित से बात करके मुहूर्त और बप्पा को स्थापित और विदा करने से संबंधी जानकारी ले सकते हैं।
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Image Credit : Freepik
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