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Interesting Facts About Life On Earth

पृथ्वी पर जीवन शुरू होने से लेकर डायनासोर के मरने तक, माउंट एवरेस्ट से चार गुना बड़े मेटरॉयड के बारे में शायद आपको ना पता हों ये बातें

Interesting Facts About Life On Earth: पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई, इसे लेकर साइंटिस्ट द्वारा कई तरह की थियोरी बताई गई हैं। इनमें से एक एस्टेरॉयड का टकराव भी है। इसको लेकर हाल ही में एक रिसर्च में खुलासे हुए हैं कि माउंट एवरेस्ट से 4 गुना बड़े मेटरॉयड के आपस टकराने से जीवन पैदा करने वाले कुछ अणु बने और फिर जीवन की उत्पत्ति हो गई। आइए आपको आज हम धरती पर जीवन शुरू होने के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-10-28, 15:49 IST

मेटरॉयड का जिक्र आमतौर पर विनाश के लिए किया जाता है। इसने लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी से डायनासोर समेत लगभग तीन-चौथाई पौधों और पशु की प्रजातियों को नष्ट कर दिया था। मेटरॉयड के टकराव के व्यापक प्रभाव के कारण ही की कई जीव-जंतु विलुप्त हुए। इन दावों के उलट हाल ही में आए एक रिसर्च का दावा है कि उल्कापिंड के टकराने से ही पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत भी हुई थी।

दरअसल, वैज्ञानिकों ने हाल ही में पृथ्वी से टकराने वाले वर्षों पुराने और बड़े उल्कापिंड के साक्ष्य खोजे हैं, जिसने वास्तव में जीवन को नष्ट करने के बजाय धरती पर जीवन पैदा करने वाले अणु का निर्माण किया था। मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, एस्टेरॉयड S2 एक बड़ी अंतरिक्ष चट्टान है, जिसका आकार माउंट एवरेस्ट से चार गुना बड़ा है।

शोध में सामने आया है कि इसके टकराने से ही धरती पर जीवन की उत्पत्ति हुई थी। रिसर्च के मुताबिक यह भी खुलासा हुआ है कि इसका आकार डायनासोर को मारने वाले क्षुद्रग्रह से भी 200 गुना बड़ा है। माना जाता है कि इसका पृथ्वी पर विशेष रूप से इसके महासागरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था। आइए इस बारे में हम आपको आगे विस्तार से बताते हैं।

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रिसर्च में हुआ जीवन की उत्पत्ति से जुड़ा दिलचस्प खुलासा

how to start life on earth 

'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में पब्लिश एक रिपोर्ट में कहा गया कि S2 नामक मेटरॉयड एक पृथ्वी से टकराया तो महासागर उबल गए और बड़ी सुनामी आई। विशाल सुनामी समुद्र में समा गई और जमीन से मलबा तटीय क्षेत्रों में बह गया। इसके बाद, समुद्र की सतह की परत वाष्पिकृत होकर वायुमंडल में उबलने लगा, जिससे वातावरण गर्म हो गया। इस घटना के प्रभाव से वायुमंडलीय तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव हुआ। जानकारी के लिए आपको बता दें कि S2 को पहली बार 2014 में खोजा गया था।

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असल में, इसकी शोध के लिए हाल ही में वैज्ञानिक पृथ्वी पर इसके प्रभावों की जांच करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के बार्बरटन ग्रीनस्टोन बेल्ट में उल्कापिंड द्वारा निर्मित प्रभाव क्रेटर पर गए। वहां से टीम ने 220 पाउंड चट्टान इकट्ठा किया और उन्हें जांच के लिए लैब में लाए। चट्टानों की रिसर्च से पता चला कि S2 के टकराव से पैदा हुई सुनामी ने लौह और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों को नष्ट कर दिया था। यह प्रभाव लगभग 3.3 बिलियन साल पहले हुआ था।

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मेटरॉयड ने ऐसे किया पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत

origin of life on earth

शोधकर्ताओं का मानना है कि इस घटना ने जीवन के विकास को आश्चर्यजनक रूप से प्रेरित किया होगा। रिसर्च के मुख्य लेखक हार्वर्ड विश्वविद्यालय की भूविज्ञानी नादजा ड्रेबोन का कहना है कि, 'हम जानते हैं कि पृथ्वी के प्रारंभिक काल के दौरान विशाल उल्कापिंड के प्रभाव अक्सर होते थे और वे प्रारंभिक जीवन के विकास को प्रभावित करते होंगे, लेकिन हमें इसकी अच्छी समझ नहीं थी।

ड्रेबन ने यह भी कहा कि 'हम एस्टेरॉयड जैसी घटनाओं को जीवन के लिए विनाशकारी मानते हैं। हालांकि, इस रिसर्च से यह साफ होता है कि ऐसे प्रभावों से जीवन को लाभ भी हो सकता है। खासतौर पर शुरुआती दौर में ऐसे प्रभावों ने वास्तव में जीवन को फलने-फूलने का मौका दिया होगा।' 

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Image credit- Freepik


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