साल का पहला महीना जनवरी बेहद खास होता है। नए वर्ष का उत्साह तो लोगों के मन में होता ही है , साथ ही इस माह में आने वाले तीज-त्योहार भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और मन में उत्साह भर देते हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि इस वर्ष जनवरी में कौन से बड़े त्योहार आने वाले हैं।
त्योहार की लिस्ट
- मासिक शिवरात्रि- 1 जनवरी
- पौष अमावस्या- 2 जनवरी
- पौष पुत्रदा एकादशी-13 जनवरी
- पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति-14 जनवरी
- प्रदोष व्रत (शुक्ल)-15 जनवरी
- पौष पूर्णिमा व्रत-17 जनवरी
- संकष्टी चतुर्थी-21 जनवरी
- षटतिला एकादशी-28 जनवरी
- मासिक शिवरात्रि-30 जनवरी
मासिक शिवरात्रि:1 जनवरी, शनिवार
मासिक शिवरात्रि का त्यौहार मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है और यह प्रत्येक माह के 14वें दिन कृष्ण पक्ष के दौरान मनाया जाता है।
पौष अमावस्या: 2 जनवरी, रविवार
पौष मास की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। इस दिन तर्पण करके लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की कामना करते हैं। इस दिन कालसर्प दोष और पितृ दोष के निवारण के उपाय और पूजा भी की जाती है।
मुहूर्त- जनवरी 2, 2022 को 03:43 से अमावस्या आरम्भ हो कर जनवरी 3, 2022 को 00:05 पर अमावस्या समाप्त होगी।
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लोहड़ी, पौष पुत्रदा एकादशी: 13 जनवरी, गुरुवार
शुक्ल पक्ष में पौष मास के दौरान पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। खासतौर पर इस दिन उन लोगों को पूजा करनी चाहिए जिन्हें संतान का सुख चाहिए होता है। वहीं लोहड़ी का त्योहार फसलों का त्योहार है और मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।
मुहूर्त- 13 जनवरी को सुबह 07:15 से शुरु हो कर 14 जनवरी को 09:21 तक।
उत्तरायण, मकर संक्रांति, पोंगल: 14 जनवरी, शुक्रवार
भारत के दक्षिणी राज्यों में पोंगल एक प्रमुख त्योहार है। यह एक फसल का त्योहार है और चार दिनों तक मनाया जाता है। उत्तरायण शब्द संस्कृत के 2 शब्दों से जोड़कर बनाया गया है। उत्तरा जिसका अर्थ होता है उत्तर और अयान जिसका अर्थ होता है आंदोलन। यह पर्व गुजरात और राजस्थान में धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन मकर राशि में सूर्य का प्रवेश होता है। उत्तर भारत में इसे बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
पौष पूर्णिमा व्रत:17 जनवरी, सोमवार
पौष मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु दान-पुण्य करते हैं और सूर्य को जल अर्पित करते हैं।
मुहूर्त- जनवरी 17, 2022 को 03:20 से पूर्णिमा आरम्भ हो कर जनवरी 18, 2022 को 05:20 पर पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी।
षटतिला एकादशी: 28 जनवरी, शुक्रवार
षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु के बैकुंठ रूप की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का बड़ा महत्व होता है। यदि आप इस दिन के पानी से स्नान करते हैं और तिल का दान करते हैं, तो भगवान विष्णु की विशेष कृपा आप पर बरसती है।
मुहूर्त- 28 जनवरी को 07:11 से लेकर 29 जनवरी को 09:20 तक 29 रहेगा।
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