जनवरी महीने में पड़ने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है लोहड़ी। वैसे ये ये मुख्य रूप से पंजाबी और सिखों का त्योहार है लेकिन ये पूरे भारत के सभी समुदायों द्वारा बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन शाम को लोग आग जलाते हैं और उसमें तिल, पॉप कॉर्न डालकर आग के चारों तरफ नाचते गाते हुए फेरे लेते हैं। नवविवाहितों के लिए लोहड़ी का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।
लोहड़ी का पर्व मुख्य रूप से नए अनाज के तैयार होने और फसल की कटाई की खुशी में मनाया जाता है। इसी ख़ुशी में लोग लोहड़ी के दिन झूमते गाते और खुशियां मनाते नजर आते हैं। इस दिन ढोल की ताल में ताल मिलाकर लोग भांगड़ा करते हैं और लोग गीतों का आनंद लेते हैं। अगर आप पुराने पंजाबी गानों से थोड़ा हटकर इस बार लोक गीतों का आनंद लेते हुए लोहड़ी मनाना चाहती हैं तो हम आपको कुछ पंजाबी गानों और उनसे जुड़े मतलब के बारे में बता रहे हैं। यकीनन ये पंजाबी गाने और बोलियां इस बार लोहड़ी में धूम मचा देंगी।
सुंदर मुंदरिए, हो,तेरा कौन विचारा, हो,
सुंदर मुंदरिए, हो,
तेरा कौन विचारा, हो,
दुल्ला भट्टी वाला, हो,
दुल्ले ने धी ब्याही, हो,
सेर शक्कर पाई, हो,
कुड़ी दा लाल पटाका, हो,
कुड़ी दा शालू पाटा, हो,
तेरा जीवे चाचा,
सानूं दे लोहड़ी,
तेरी जीवे जोड़ी।
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इस लोक गीत का मतलब -सुंदर मुंदरिए : खूबसूरत लड़की।
तेरा कौन विचारा : तेरा विचार कौन करेगा ? तुम्हारी चिंता कौन करेगा, खैर खबर कौन लेगा?
दुल्ला भट्टी वाला : दुल्ला जो "भट्टी वाला" है, भट्टीवाला कुल से सबंध रखता है। लड़की का कहना है कि मेरी चिंता तो दुल्ला भट्टी वाला करेगा।
दुल्ले ने धी ब्याही : दुल्ले ने अपनी पुत्री का विवाह किया। दुल्ला लड़की को अपनी पुत्री/धी बनाकर उसकी शादी करता है।
सेर शक्कर पाई : दुल्ले ने एक सेर शक्कर/चीनी दी है।
कुड़ी दा लाल पटाका : कुड़ी ने लाल रंग का सूट पहना है। लड़की ने दुल्हन का लाल जोड़ा पहन रखा है।
कुड़ी दा शालू पाटा : कुड़ी (लड़की) की ओढ़नी फटी हुई है।
तेरा जीवे चाचा : तेरे चाचे की उम्र लंबी हो।
सानूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी : हमें तुम लोहड़ी दो, तुम्हारी जोड़ी जुग जुग जिए, तुम्हारी जोड़ी बनी रहे।
तोड़े ऊपर तोड़े
लोहड़ी उत्सव के लिए एक और मजेदार बोली 'तोड़े ऊपर तोड़े' है जो ज्यादातर बच्चों द्वारा गाया जाता है जब वे अपने पड़ोसियों से लोहड़ी की तलाश में जाते हैं। इस गाने की उत्पत्ति जम्मू में हुई थी।
तोड़े ऊपर तोड़े, तोड़े ऊपर साग।
साग विच मिर्च!
मिर्च लगी कोड़ी, देयो शानू लोहड़ी
मसा लेया मेरी जान
एक और लोक गीत 'मसा लेया मेरी जान' है। जो लोहड़ी के त्यौहार को बेहद ख़ास बनाता है। ये गाना राज घुमन ने गाया है और हरजेश बिट्टू ने इसे कंपोज किया है। दरअसल यह गाना नवजात के जन्म के समय खुशियां मनाते हुए गाय गया है। इस गाने में छोटे बच्चे के जन्म की खुशियों के रूप में दिखाया गया है।
यह लोक गीत लोहड़ी के दिन को शुभ बताता है और बताता है कि यह भाग्यशाली दिन बहुत सारी प्रार्थनाओं के बाद आया है। यह पेप्पी नंबर पूरे परिवार को नवजात शिशु के साथ एक के बाद एक गिद्दा और भांगड़ा करने के लिए कहता है। इस गाने के बोल इस प्रकार हैं:
मसा लेया, मेरी जान
नी आज दिन मसा लेया,
शगना दा गिद्दा तेरी दादी पावावे,
दादा वंदे गुर रोड़ी,
नी आज दिन मसा लेया..........
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हुल्ले नई माई हुल्ले
दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी’ , ‘दे माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी
हुल्ले नी माइ हुल्ले
दो बेरी पत्ता झुल्ले
दो झुल्ल पयीं खजूरां
खजूरां सुट्ट्या मेवा
एस मुंडे कर मगेवा
मुंडे दी वोटी निक्कदी
ओ खान्दी चूरी कुटदी
कुट कुट भरया थाल
वोटी बावे नंदना नाल
निनान ते वड्डी परजाई
सो कुड़मा दे घर आए !
अस्सी लोहरी लैन आए !
आया लोहड़ी दा त्यौहार
आया लोहड़ी दा त्यौहार , हो आया ……
खुशियां खूब मनाओ यार ,
नच्चो -गावो वंडो प्यार ,
मुड़ -मुड़ आवे ऐसा वार ,
कि आया लोहड़ी दा त्यौहार . हो आया ….
मुंडा वोटी लैके आया ,
सोणी वोटी लैके आया ,
खुशियां खूब मनाओ यार ,
नच्चो – गावो वंडो प्यार ,
कि आया लोहड़ी दा त्यौहार , हो आया ……
कुड़ी नूँ मस्त दूल्हा मिलया ,
सोणा -सोणा दूल्हा मिलया ,
खुशियाँ खूब मनाओ यार ,
नच्चो गावो वंडो प्यार ,
कि आया लोहड़ी दा त्यौहार ,हो आया …
मुंडा – कुड़ी सदा सुख पावन ,
तरक्की करन ते वधते जावन ,
जल्दी सोणा पुत्तर आवे
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इन लोक गीतों के साथ इस बार आप भी अपने लोहड़ी के त्योहार को काफी ख़ास बना सकती हैं। वैसे तो ये पंजाबी लोग गीत आपने पहले भी सुने होंगे लेकिन लोहड़ी के दिन इन गीतों पर भांगड़ा और गिद्दा करने का मजा ही कुछ अलग है। खासतौर पर अगर आपकी शादी के बाद ये पहली लोहड़ी है या आपके घर में नन्हा मेहमान आया है तो हो जाइए इन गीतों को अपनी प्लेलिस्ट में शामिल करके लोहड़ी में धूम मचाने के लिए। भले ही आप इस बार कोरोना की वजह से बहुत ज्यादा भीड़ के साथ लोहड़ी नहीं मन रही हैं लेकिन अपने परिवार के साथ लोहड़ी मनाने और इन गीतों का मजा उठाने की बात ही कुछ ख़ास है।
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