आमतौर पर यह कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। अर्थात् जब किसी चीज की आवश्यकता महसूस की जाती है तो उसका आविष्कार हो ही जाता है। लेकिन हर बार ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है। कभी-कभी कुछ आविष्कार गलती से भी हो जाते हैं।
जी हां, वर्तमान समय में हम अपने दैनिक जीवन में ऐसी कई छोटी-बड़ी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जिनका आविष्कार गलती से हुआ था। लेकिन बाद में यह आविष्कार बेहद ही उपयोगी साबित हुए और फिर ये चीजें लोगों की जरूरतें बन गईं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको गलती से हुए कुछ बेहद ही उपयोगी आविष्कारों के बारे में बता रहे हैं-
वेल्क्रो
आज के समय में कपड़ों से लेकर जूतों तक में वेल्क्रो का इस्तेमाल किया जाता है। यह इस्तेमाल करने में बेहद ही आसान है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका आविष्कार गलती से हुआ था। दरअसल, एक स्विस इंजीनियर, जॉर्ज डी मेस्ट्रल एक बार अपने डॉग के साथ बाहर निकले थे। चलते-चलते एक पौधा उनके कपड़ों से चिपक गया था। उस समय जॉर्ज ने नोटिस किया कि पौधे में कांटे जैसा कुछ निकला हुआ था, जो कपड़ों और फर से चिपक रहा था। इस तरह उन्हें वेल्क्रो बनाने का आइडिया आया। आज यह लोगों के कई काम आसान कर रहा है।
पॉप्सिकल
आज के समय में पॉप्सिकल को बच्चे बेहद पसंद करते हैं। लेकिन इसका आविष्कार भी एक बच्चे द्वारा गलती से ही हुआ था। दरअसल, 1905 में, फ्रैंक एपर्सन अपना सोडा बनाने जा रहे थे। उन्होंने एक कप में पाउडर सोडा और पानी भरकर उसमें एक चम्मच डालकर उसे ऐसे ही छोड़ दिया था। लेकिन ठंड के कारण वह सोडा जम कर पहला पॉप्सिकल बन गया। लगभग बीस साल बाद एपर्सन को पॉप्सिकल के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ। पहले पॉप्सिकल को एप्सिकल कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे बच्चों ने पॉप्स सिकल कहना शुरू किया। जिसके बाद इसका नाम पॉप्सिकल हो गया।(मीठे सोडा के फायदे)
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कोका-कोला
कोका-कोला एक ऐसी ड्रिंक है, जिसे बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसे पीना पसंद करता है। लेकिन वास्तव में इसका आविष्कार सिरदर्द व एंग्जाइटी आदि को दूर करने के लिए एक दवा के रूप में किया गया था। दरअसल, जब जॉन पेम्बर्टन इस सिरप को बना रहे थे, तो गलती से इसमें कार्बोनेटेड वाटर गिर गया। जब बाद में जॉन ने इस सिरप को टेस्ट किया तो यह उन्हें बेहद ही अच्छा लगा। जिसके बाद कोका-कोला हर किसी की फेवरिट बन गई।(कोका-कोला को ऐसे करें इस्तेमाल)
एक्स-रे
एक्स-रे को आज शरीर के अंदर की इमेज निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर से, हड्डी टूटने या फिर उसकी स्थिति का सही आकलन करने के लिए एक्स-रे किया जाता है। लेकिन इसका आविष्कार भी गलती से 1895 में एक भौतिकी के प्रोफेसर विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन द्वारा किया गया था। दरअसल, वे उस पर एक कैथोड रे ट्यूब बनाने पर काम कर रहे थे। उस समय उन्होंने ट्यूब को काले रंग के गत्ते के डिब्बे से ढक रखा था और पर्दे गिराकर उस स्थान पर अंधेरा कर रखा था। लेकिन उन्होंने देखा कि ट्यूब के पास रखे बेरियम प्लेटीनों साइनाइड के टुकड़ों से कुछ रोशनी निकल रही है और कवर के बावजूद नीचे रखा पेपर दिखाई दे रहा था। यह देखकर उन्हें काफी हैरानी हुई। लेकिन उनके इस एक्सपेरिमेंट के कारण एक्स-रे का आविष्कार हुआ।
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इंक-जेट प्रिंटर
इंक-जेट प्रिंटर को लोग आज अपने घरों से लेकर ऑफिस तक में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसका आविष्कार भी गलती से हुआ था। दरअसल, कैनन के एक इंजीनियर गलती से अपने इंक पेन को एक हॉट आयरन पर ऐसे ही छोड़ दिया। गर्मी के दबाव के कारण, इंक पेन अपने प्वांइड से इंक छोड़ने लगा। इस घटना ने इंजीनियर को इंकजेट प्रिंटर बनाने का आइडिया दिया।
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Image Credit- Freepik, amazon
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