अयोध्या में जिस तरह से राम मंदिर चर्चा का विषय रहता है, ठीक उसी तरह सीता की रसोई भी खूब चर्चा में रहती हैं। रामायण काल में निर्मित अयोध्या में ऐसे कई प्राचीन और मिथक में भरपूर जगह, इमारत या घर मौजूद है जिन्हें लेकर आज भी कई मिथक जुड़े हुए हैं। इन्हीं मिथक जगह में से एक है 'सीता की सरोई'।
राम मंदिर के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित सीता की रसोई को लेकर आज भी लोगों में कई तरह के मिथक गड़े जाते हैं। इस रसोई को लेकर हर किसी का एक अलग ही विचार रहता है। राम मंदिर के फैसले के बाद भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीता की रसोई का जिक्र किया गया था। ऐसे कई मिथक इस रसोई से जुड़े हुए हैं, जिनके बारे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं। तो आइए इस लेख में अयोध्या में मौजूद है सीता की रसोई के बारे में कुछ रोचक मिथक के बारे में जानते हैं।
क्या सच में सीता इस रसोई में खाना बनती थी!
सीता की रसोई को लेकर मिथक की कमी नहीं है। कुछ जानकारों का मानना है कि एक से दो बार सीता जी ने इस रसोई में खाना बनाई थी। कुछ विद्धान कहते हैं कि जब सीता अपने ससुराल आई थी, तो सगुन के तौर पर इस रसोई में परिवार के लिए खाना बनाई थी। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह सीता की रसोई थी लेकिन, सीता ने कभी भी रसोई में भोजन नहीं बनाई थी बल्कि, उन्होंने दूसरों से रसोई में मौजूद रहकर बनवाई थी।
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रसोई में मौजूद है मूर्ति
रसोई के मिथक को लेकर आज भी कई कहानी जड़े जाते हैं। कहा जाता है कि सही मायने में यह कोई रसोई नहीं बल्कि, एक मंदिर है। इस मंदिर में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ साथ सीता, उर्मिला, मांडवी और सुक्रिति की मूर्ति लगी हुई हैं। एक अन्य मिथक में यह कहा जाता है कि सीता ने इस रसोई में पांच ऋषियों को भोजन करवाया था, जिसके बाद सीता जी को अन्नपूर्णा माता कहा जाने लगा। आज भी कई दीवारों पर 'सीता की रसोई' लिखा हुआ है जहां लोग घूमने के लिए जाते रहते हैं।(थाईलैंड की अयोध्या कैसे है भारत से अलग)
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पकवान और सीता कुंड के बारे में
रसोई को लेकर यह मिथक है कि आज भी इस रसोई में रोलिंग प्लेट या चकला और बेलन रखे हुए हैं। जानकारों का मानना है कि इस सीता रसोई में तीन तरह की खीर, मटर घुघुरी, कढ़ी, मालपुआ आदि परोसी जाती थी। इस रसोई के बगल में एक जानकी कुंड भी मौजूद है। जिसे लेकर कहा जाता है कि सीता इसी कुंड में स्नान करती करती थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जगह अयोध्या नगरी में मौजूद सबसे शांत जगह पर स्थित है।
यक़ीनन यह बोला जा सकता है कि इस लेख को पढ़ने के बाद 'सीता की रसोई' को लेकर आपके मन में जो भी विचार थे वो दूर हो गए होंगे। अगर आप घूमने-फिरने का शौक रखते हैं, तो आपको यहां एक बार ज़रूर घूमने जाना चाहिए। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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