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    Diwali 2022: दिवाली का पंचांग और शुभ मुहूर्त

    दिवाली के दिन कौन सा मुहूर्त है किस लिए विशेष, जानने के लिए देखें पंचांग। 
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    Updated at - 2022-10-10,11:35 IST
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    दिवाली का त्‍योहार आ रहा है और इस दिन को विशेष एवं शुभ बनाने की तैयारियां लोगों ने अभी से कर दी है। हिंदू धर्म में दिवाली को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, इसलिए इस दिन हर कार्य शुभ मुहूर्त के हिसाब से ही लोग करना पसंद करते हैं। 

    जाहिर है, आप भी इस वर्ष की दिवाली के पंचांग के इंतजार में होंगे। इसलिए हमने एस्ट्रोलॉजर डॉक्‍टर शेफाली गर्ग से बात की और जाना कि दिवाली का पंचांग क्या कहता है और किसी शुभ मुहूर्त पर कौन से कार्य करने के संकेत देता है।

    तो चलिए आप भी दिवाली के पंचांग में विशेष बिंदुओं पर गौर फरमा लें और अपनी दिवाली को शुभ बनाएं। 

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    निशिता काल मुहूर्त

    दिवाली का त्‍योहार- 24 अक्टूबर 2022, सोमवार 

    देवी लक्ष्‍मी के पूजन का शुभ मुहूर्त- शाम  6 बजकर 54 मिनट से आरंभ होकर रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। यानि आप 1 घंटे 21 मिनट के मध्‍य देवी लक्ष्‍मी का पूजन संपन्न कर सकते हैं। वहीं दिवाली वाले दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा की तैयार कर सकती हैं। वृषभ काल शाम 6 बजकर 54 मिनट से आरंभ होकर 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप देवी लक्ष्‍मी की पूजा के साथ ही देवी जी की आरती कर सकती हैं और प्रसाद वितरण भी कर सकती हैं। 

    प्रदोष काल में क्या करें?

    इस दौरान आपको जहां देवी लक्ष्‍मी की पूजा करनी है वहां आटे से रंगोली बनाकर चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर देवी लक्ष्‍मी की प्रतिमा रखें। यदि आपके घर में भगवान गणेश की भी दिवाली के पर्व पर पूजा होती है, तो उनकी प्रतिमा भी रखें। इसके साथ ही आपको कलश में जल भर कर चौकी के पास रख देना चाहिए और दोनों प्रतिमाओं पर तिलक चढ़ाना चाहिए। आप चाहें तो दीपक भी प्रज्वलित कर सकती हैं और धूप बत्ती भी जला सकती हैं। इसे बाद शुभ मुहूर्त के शुरू होते ही आपको पूजन विधि आरंभ कर देनी है। 

    शेफाली जी कहती हैं, 'सूर्यास्‍त के बाद पड़ने वाले तीन मुहूर्तों को प्रदोष काल कहा गया है। इस दौरान देवी लक्ष्‍मी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है।' 

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    दिवाली पर शुभ चौघड़िया मुहूर्त 

    हिंदू शास्त्र में शुभ-अशुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है। चौघड़िया मुहूर्त को भी पूजा के लिए विशेष माना गया है। आपको बता दें कि सुबह और रात के 8-8 चौघड़िया  मुहूर्त होते हैं। इसे चतुर्श्तिका मुहूर्त भी कहते हैं। हर दिन का और समय का चौघड़िया मुहूर्त अलग होता है। जैसे सोमवार का ग्रह चंद्रमा होता है और चौघड़िया अमृत होता है। शेफाली जी कहती हैं, 'इस बार दिवाली सोमवार के दिन है और इस दिन का स्वामी ग्रह चंद्रमा है और अमृत चौघड़िया शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त को कुछ विशेष कार्यों के लिए बहुत ज्यादा शुभ माना गया है। इस मुर्हूत पर वैसे तो हर तरह के काम किए जा सकते हैं, जो आपको शुभ फल देंगे, मगर सबसे ज्यादा धनोपार्जन की गतिविधियां इस मुहूर्त पर करना अच्छा माना गया है।' 

    दिवाली पर शुभ चौघड़िया सायंकाल मुहूर्त- शाम 5 बजकर 29 मिनट से आरंभ होकर रात 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रात्रि में 10 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होकर 12 बजकर 5 मिनट तक भी यह मुहूर्त आपको लाभ पहुंचाएगा। 

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